जो चुनाव में घर बैठे उनके लिए हमेशा बंद रहेंगे मेरे दरवाजे... असंतुष्ट दावेदारों को दिग्विजय सिंह की खरी-खरी

दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि भाजपा बेईमानी करती है. वह वोटर लिस्ट में बेईमानी करती है. वह मशीन में भी गड़बड़ी करती है. भाजपा वोट बढ़ा सकती है क्योंकि जिस मशीन में चिप डली हो वह मशीन चलाने वाले का आदेश नहीं मानेगी.

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ग्वालियर में दिग्विजय सिंह की सभा

Digvijay Singh In Gwalior: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने बुधवार को ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र (Gwalior Assembly Seat) में प्रत्याशी सुनील शर्मा के चुनाव कार्यालय पहुंचे. उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और दो टूक शब्दों में पार्टी के असंतुष्ट दावेदारों से कहा कि अगर चुनाव के दौरान वे कांग्रेस (Congress) का काम नहीं कर रहे हैं और घरों में बैठे हैं तो समझ लें कि दिग्विजय सिंह के घर के दरवाजे भी अब उनके लिए हमेशा बंद रहेंगे. यहां से सुनील शर्मा (Sunil Sharma) को टिकट मिलने पर पार्टी के पांच क्षत्रिय (सभी तोमर) ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका विरोध किया था. दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं को ईवीएम (EVM) का घपला रोकने के लिए जरूरी टिप्स भी दिए. 

बताया क्यों मजबूत है कांग्रेस?

तीन दिन के ग्वालियर-चंबल के दौरे पर बुधवार सुबह ग्वालियर पहुंचे दिग्विजय सिंह इंटक मैदान में सुनील शर्मा के चुनाव कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि हमने सर्वे करवाए थे. आप लोगों से भी घंटों बात की. एआईसीसी ने भी सर्वे करवाए थे जिसमें सुनील शर्मा का नाम आया क्योंकि वही जनता के बीच लगातार घूमते रहते थे. हमें समझना होगा कि एक तो यह चुनाव धनबल और जनबल के बीच है और यह चुनाव उन लोगों के बीच है जिन लोगों ने कांग्रेस के साथ गद्दारी की थी और वे लोग जो कांग्रेस के साथ वफादारी से खड़े हुए हैं... जनबल बनाम धनबल और गद्दार बनाम ईमानदार.

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दिग्विजय सिंह ने कहा, 'दूसरा यह कि 2018 की तुलना 2023 से की जाए तो तब कमलनाथ को 5 महीने मिले थे चुनाव लड़वाने के लिए. तब संगठन भी जितना तैयार होना चाहिए था उतना तैयार नहीं था और भाजपा में तीन गुट नहीं थे. 'महाराज भाजपा', 'शिवराज भाजपा' और 'नाराज भाजपा'. तब एक भाजपा थी. इसका लाभ हमें मिल रहा है. तीसरी बात अब 2023 में कमलनाथ को 5 साल मिले संगठन को खड़ा करने के लिए. उन्होंने सेक्टर ,मंडल, बीएलए वगैरह सब बना लिए. आज हमारी तैयारी पहले से ज्यादा है कि नहीं? शिवराज सिंह के खिलाफ इतनी नाराजगी 2018 में नहीं थी जो आज है. भाजपा भी इतनी बंटी हुई नहीं थी जितनी आज है.'

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ग्वालियर का उम्मीदवार 'महाराज भाजपा' का 

दिग्विजय सिंह ने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम लिए बिना कहा कि यहां का उम्मीदवार 'महाराज भाजपा' का है तो 'शिवराज भाजपा' और 'नाराज भाजपा' तो बत्ती देगी और मानकर चलो कि दे रही है. तो उप चुनाव और 2018 का जो अंतर था वह बदलकर हमारे पक्ष में हो गया है. उन्होंने कहा कि जो 66 सीटें मुझे मिली थीं उनमें से एक यह भी है. ग्वालियर जहां मैं खड़ा हूं यहां मेरी प्रतिष्ठा भी लगी हुई है. ये इंटक का इलाका है. ये मजदूर और मालिक के खिलाफ है. भाजपा ने जितना नुकसान मजदूरों का किया दूसरा कोई कर नहीं रहा. इंटक लगातार संघर्ष कर रहा है. यहां तक कि भारतीय मजदूर संघ भी नाराज है. ट्रेड यूनियन के सारे अधिकार छीन लिए, पहले यूनियन बनाने की बाध्यता थी. अब कोई यूनियन बना नहीं सकता. हर साल देश में मिल मालिक, सरकार और श्रमिक की राष्ट्रीय संगोष्ठी होती थी लेकिन 9 साल से मोदी सरकार ने यह नहीं की क्योंकि श्रमिकों के हित के 44  कानून खत्म करके मिल मालिकों के हित में चार कोड लागू कर दिए. 

'मेरे घर के दरवाजे उनके लिए बंद रहेंगे'

असंतुष्टों को कड़ी चेतावनी देते हुए दिग्विजय सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा कि जो कांग्रेसी टिकट मांग रहे थे और अब प्रचार के समय अपने घर बैठे हैं, वे साफ जान लें कि दिग्विजय सिंह के घर का दरवाजा भी अब उनके लिए हमेशा के लिए बंद है.

दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि भाजपा बेईमानी करती है. वह वोटर लिस्ट में बेईमानी करती है. वह मशीन में भी गड़बड़ी करती है. भाजपा वोट बढ़ा सकती है क्योंकि जिस मशीन में चिप डली हो वह मशीन चलाने वाले का आदेश नहीं मानेगी. इसमें सॉफ्टवेयर डाला गया है और इसकी जानकारी सिर्फ इलेक्शन कमीशन को है और किसी को नहीं.

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ईवीएम घपले को रोकने दिए टिप्स 

उन्होंने कहा कि यह हमारे शक की पुष्टि करता है क्योंकि किसी भी देश में ईवीएम से चुनाव नहीं होता है. पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी खत्म कर दिया लेकिन ठीक है हम बर्दाश्त करेंगे लेकिन एक बात याद रखिए, वोटर लिस्ट की गड़बड़ी तो हम सभी ने मुस्तैदी से चैक कर ली लेकिन अब चुनाव के दिन यह ध्यान रखना है कि ईवीएम में सॉफ्टवेयर के जरिए भाजपा के वोट बढ़ाए जा सकते हैं इसलिए प्रसाइडिंग अधिकारी को 17-सी प्रोफार्मा दिया जाता है. मतदान बंद होने के बाद चेक करें, मतदान करने वाले रजिस्टर की संख्या और ईवीएम में पड़े वोट को जांच लें, ये दोनों समान होने चाहिए. अगर समान नहीं हैं तो वहीं तत्काल रिपोलिंग की मांग करें और पीसीसी को अपने बूथ की सूचना दें और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घपले को तत्काल उजागर करें. हम लोग तत्काल रीपोल करा देंगे. अगर वोटर लिस्ट और ईवीएम की हेराफेरी रोक ली तो कांग्रेस पार्टी को कोई हरा नहीं सकता.