Back to School: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हर साल लाखों की संख्या में स्टूडेंट स्कूलों से ड्राप आउट (Drop Out Student ) हो रहे हैं. इस समस्या से किस प्रकार निपटा जाए और ड्राप आउट स्टूडेंट को फिर से मुख्यधारा से कैसे जोड़ा जाएं इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है.
इधर, शनिवार को राजधानी भोपाल में बाल अधिकार आयोग द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव, पंचायत व ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कुर्सी से बड़ी शिक्षा है.
बालक परमात्मा का आर्शीवाद: CM
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत का आदिकाल से अपना एक चरित्र है. हमारी सभ्यता दुनिया में जानी जाती है. हमें विश्वगुरु की बात करने से पहले इसके पीछे के अर्थ को समझना होगा. गुरु हमेशा अंधेरे से निकलते हैं, ये संस्कृति युगों-युगों से है. बालक परमात्मा का आर्शीवाद है.
मुख्य मंत्री मोहन यादव ने एक्स पर लिखा कि आज भोपाल में 'राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग' द्वारा विद्यालयों में बच्चों के ड्रॉपआउट को कम करने के विषय पर आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया. विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता और इस ध्येय की प्राप्ति हमारा संकल्प है.
2023-24 में 23 लाख से अधिक छात्रों ने छोड़ा स्कूल
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते सत्र में 23 लाख से अधिक छात्रों ने स्कूल से ड्राप आउट हो गया. दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट मुताबिक, साल 2023-24 का शैक्षणिक सत्र पूरा करने के बाद 23 लाख से अधिक ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जो नए सत्र में वापस लौट कर नहीं आए. हालांकि न बच्चों को फिर स्कूलों में नामांकन कराने के लिए मोहन सरकार ने शिक्षकों को ड्यूटी लगाई है, ताकिइन बच्चों वापस स्कूल बुलाया जा सके.