विधायक के 'ससुराल' से गायब हुए 3 कुएं, जांच करने पहुंचे अधिकारी तो हुआ ये खुलासा

डिंडौरी जिले के अतरिया गांव में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद गांव के लोग हैरान हैं. तो वहीं, जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कर मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं. क्या है पूरा मामला? आइए आपको बताते हैं : 

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विधायक के ससुराल गांव से गायब हो गए तीन सरकारी कुएं! जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में भ्रष्टाचार का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब सोशल ऑडिट विभाग के अधिकारी निर्माण कार्यों की जमीनी हकीकत देखने के लिए मौके पर पहुंचे थे. दरअसल, साल 2019 - 20 में समनापुर जनपद के मझगांव के अतरिया गांव में रोजगार गारंटी योजना के तहत तीन कुएं और एक स्टाप डेम निर्माण कराने की बात कही गई थी. तब ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच, सचिव ने जनपद के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर करीब आठ लाख रुपये निकाल लिए. सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, अतरिया गांव में तीन कुएं और एक स्टापडैम का निर्माण होना दर्ज़ है जबकि जमीनी हकीकत से निर्माण कार्य गायब हैं. खास बात यह है कि जिस अतरिया गांव में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. वहां डिंडौरी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम का ससुराल है.

पेयजल कूप समेत 3 कुएं कहां हो गए गायब ?

गांव में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद गांव के लोग हैरान हैं. तो वहीं, जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कर मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, 2019 - 20 में रोजगार गारंटी योजना के तहत एक सार्वजनिक पेयजल कूप निर्माण के नाम पर 2 लाख 30 हजार स्वीकृत हुए थे और कूप का निर्माण कराए बिना ही 2 लाख 10 हजार रुपये निकाल लिए गए. सार्वजनिक पेयजल कूप के अलावा कपिल धारा योजना के तहत मनोहर लाल सोनवानी और मुकेश सोनवानी नामक किसान के नाम पर सरकारी दस्तावेजों में दो कुएं का निर्माण पूरा दिखा कर 4 लाख 74 हजार रुपये निकाल लिए गए.

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योजना के सरकारी कागजों में चढ़ गया नाम

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस मुकेश सोनवानी नामक युवक को सरकारी दस्तावेजों में किसान दर्शाकर कपिल धारा योजना का हितग्राही बना दिया गया उसके नाम एक इंच जमीन तक नहीं है. ऑडिट टीम जब निर्माण कार्यों की जमीनी हकीकत देखने के लिए गांव पहुंचीं. टीम ने जब सरकारी दस्तावेजों में दर्ज़ कपिल धारा योजना के हितग्राहियों से कुएं के बारे में जानकारी ली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

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अतरिया गांव में फर्जीवाड़े को लेकर खुलासा

मनोहर और मुकेश सोनवानी को करीब दस दिन पहले जानकारी लगी है कि पांच साल पहले वर्ष 2019 में उन्हें सरकारी दस्तावेजों में कपिल धारा योजना का हितग्राही बनाकर कागजों में कूप का निर्माण दर्शाकर 4 लाख 74 हजार रूपये का बंदरबांट कर लिया गया है. अतरिया गांव में नंदू नामक ग्रामीण के खेत के पास रोजगार गारंटी योजना के तहत स्टापडैम निर्माण के नाम पर करीब 1 लाख 77 हजार रुपये लिए गए हैं जबकि उक्त स्थान पर स्टापडैम का नामोनिशान तक नहीं है.

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सवाल के बाद अधिकारी कर रहे जांच की बात

जब हमने इस फर्ज़ीवाड़े को लेकर बात की तो उन्होंने बताया की कुछ दिन पहले टीम के अधिकारी गांव पहुंचे थे तब पांच साल पहले हुए भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ. सरपंच का कहना है कि उनके कार्यकाल से पूर्व का मामला है और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जनपद पंचायत के CEO सी पी साकेत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.  CEO ने बताया कि भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को 'कारण बताओ नोटिस' जारी कर जवाब मांगा गया है.

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विधायक ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

अतरिया डिंडौरी से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम का ससुराल गांव है. लिहाजा ओमकार मरकाम ने ससुराल गांव में हुए बड़े भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. बहरहाल, पांच साल पहले हुए सरकारी कार्यों का निरीक्षण इतने सालों बाद जाकर होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.

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