MP में कांग्रेस नेताओं को मंच का नहीं छूट रहा मोह, दिग्विजय सिंह ने किया अब नीचे बैठने का फैसला

Digvijay Singh News: कांग्रेस कमेटी की ओर से ग्वालियर शहर के फूलबाग मैदान में आयोजित संविधान बचाओ रैली के मंच पर पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की इतनी भीड़ हो गई कि वहां अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई. यह देख पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बहुत नाराज नजर हुए. उन्होंने अपने भाषण में इस हालत पर न सिर्फ अपनी नाखुशी जाहिर की,  बल्कि ऐलान भी कर दिया कि वे आज के बाद से कभी भी मंच पर नहीं बैठेंगे.

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Congress Samvidhan Bachao Rally: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस (Congress) ने हाल ही में मंच संस्कृति से तौबा करने ऐलान किया था. बाकायदा इसके लिए एक गाइडलाइन भी बनाई गई थी. इसमें कहा गया था कि अब सभी नेता कार्यकर्ताओं की सफ में बैठेंगे, सिर्फ वक्ता ही डायस पर जाएंगे. लेकिन, ग्वालियर (Gwalior) में सोमवार को संविधान बचाओ रैली के मंच पर जो नजारा दिखा उसे देखकर खुद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) आहत नजर आए. इसके साथ ही उन्होंने मंच पर नेताओं की भीड़ को देखते हुए आइंदा से मंच के सामने नीचे बैठने का ऐलान किया. 

दरअसल, कांग्रेस कमेटी की ओर से ग्वालियर शहर के फूलबाग मैदान में आयोजित संविधान बचाओ रैली के मंच पर पार्टी के नेता और और कार्यकर्ताओं की इतनी भीड़ हो गई कि वहां अफरा तफरी की स्थिति पैदा हो गई. यह देख पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बहुत नाराज नजर हुए. उन्होंने अपने भाषण में इस हालत पर न सिर्फ अपनी नाखुशी जाहिर की,  बल्कि ऐलान भी कर दिया कि वे आज के बाद से कभी भी मंच पर नहीं बैठेंगे और जब बुलाया जाएगा, तभी मंच पर भाषण देने जाएंगे.

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एकजुटता में खली कमलनाथ की कमी

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सोमवार को कांग्रेस ने संविधान बचाओ रैली के बहाने अपनी एकजुटता दिखाने की भी कोशिश की. इस दौरान रैली में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और वरिष्ठ नेता अरुण यादव नजर आए. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही.

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सुप्रिया श्रीनेत ने उठाया आरक्षण का मुद्दा

इस मौके पर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता  सुप्रिया श्रीनेत ने देश के सियासी मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि संविधान बदलने वालों को देश की जनता ने सबक सिखाया है. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकारी विभागों में 30 हजार से ज्यादा पद खाली हैं. ताकि, एससी-एसटी और ओबीसी के युवाओं को आरक्षण न देना पड़े. इन विभागों में कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्तियां की गई है. मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता आदिवासी के ऊपर पेशाब कर देता है. दलित युवक को गोली मार दी जाती है.

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दिग्विजय ने उठाया दलित उत्पीड़न का मुद्दा

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने, गुना, मुरैना, टीकमगढ़ और छतरपुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन वारदातों को हम रैली करके नहीं रोक पाएंगे. सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ेगा. शोषित समाज में भरोसा पैदा करना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में मजबूत है, लेकिन हमें गांव-गांव में कार्यकर्ताओं को एक्टिव करना पड़ेगा। लोगों में संपर्क बढ़ाना पड़ेगा, उनके सुख-दुख में शामिल होकर जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने होंगे.

 सिंधिया पर गरजे पटवारी

इस मौके पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधायकों को दल बदलवाकर एक चुनी हुई सरकार को गिरा दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि वह सड़क पर उतरेंगे, क्योंकि उनका अपमान हो रहा है. उन्होंने इसे संविधान पर आघात बताया और आपके दिए हुए वोट को चुनौती दी. अगर यह संविधान खतरे में नहीं था, तो फिर और क्या था?

सिंघार ने लगाए उद्योगपतियों के लिए काम करने का आरोप

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह  संविधान बचाओ रैली नागरिक रैली है, क्योंकि संविधान ही आपको बराबरी का अधिकार देता है. युवाओं को नौकरी-रोजगार, दलित पिछड़ों को आरक्षण का अधिकार देता है, लेकिन आज सब कुछ बदल सा गया है. भाजपा की सरकारें चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने और आपके संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही हैं. 

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सिंघार ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, लेकिन 70 से अधिक युवाओं के स्टार्टअप बंद हो गए. सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं, लेकिन नियुक्तियां नहीं की जा रहीं, क्योंकि आपको आरक्षण देना पड़ जाएगा. बड़े-बड़े पूंजीपतियों को ठेके दे दिए, जो आउटसोर्स के नाम पर हमारे युवाओं का शोषण करते हैं. 

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