''भारत माता को नमन करने से आपत्ति करने वालों को देश में रहने का अधिकार नहीं''-प्रहलाद पटेल कैबिनेट मंत्री एमपी

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न को हराम बताया और मुसलमानों से इससे दूर रहने की अपील की. इसके जवाब में MP के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि भारत माता को नमन न करने वालों को देश में रहने का अधिकार नहीं है और जश्न के दौरान सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखना चाहिए.

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MP News:  साल 2025 की विदाई और 2026 के आगमन की खुशी में हर कोई जश्न की तैयारी कर रहा है. इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी और मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल के विवादित बयान सामने आए हैं.

रजवी बरेलवी ने न केवल नए साल के जश्न को हराम और नाजायज बताया है, बल्कि मुसलमानों से अपील की है कि वे नए साल के जश्न और फूहड़ता से दूर रहें. उन्होंने अपने फतवे में कहा कि इस्लाम में नए साल का जश्न मनाना सही नहीं है और युवाओं को इससे बचना चाहिए.

इधर, नए साल पर मौलानाओं द्वारा मुस्लिम युवाओं के लिए फतवा जारी किए जाने पर मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 2025 वंदे मातरम के डेढ़ सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं और भारत रत्न सरदार पटेल के भी 150 वर्ष पूरे हो चुके हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि चाहे जश्न कितना भी हो, उसमें अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को सुरक्षित रखना जरूरी है.

जबलपुर में पत्रकारों से बातचीत में प्रहलाद पटेल ने नशे को सबसे खतरनाक साधन बताते हुए कहा कि युवाओं को अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगानी चाहिए और नशे जैसी चीजों से दूर रहकर आनंद लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग युवाओं को वंदे मातरम के नाम से डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह उनकी परवरिश का परिणाम है. साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत को नमन करने से आपत्ति करने वालों को सच में देश में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए.

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बांग्लादेश की घटनाओं को हिंदुस्तान में 'लिंचिस्तान' कहकर बचाने वाले नेताओं के संबंध में प्रहलाद पटेल ने कहा कि ऐसे लोगों को विदेश नीति की समझ नहीं है और उनके अपने एजेंडे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि पड़ोसी देश क्या कर रहा है, उस पर भारत की पूरी नजर है, और यह नया मामला नहीं है, बल्कि इतिहास गवाह है. जिन्होंने पहले गलती की, समय आने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई.

उन्होंने कहा कि भारतीय नेतृत्व इतना सक्षम, सफल और दूरदर्शी है कि पूरी दुनिया उसका सम्मान करती है. विदेश नीति पर केवल योग्य नेतृत्व को ही टिप्पणी करनी चाहिए, और इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. 

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