MP Cabinet Meeting: मध्य प्रदेश सरकार ने डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल की है. शुक्रवार 24 जनवरी को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की नगरी महेश्वर में राज्य सरकार कैबिनेट की बैठक हो रही है, यह देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष को समर्पित है. इस कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शराबबंदी पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है. CM मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार देवी अहिल्याबाई द्वारा महिला सशक्तिकरण, किसान-कल्याण, सुशासन की दिशा में दिखाए मार्ग पर चलकर समग्र विकास को चरितार्थ करने के लिये संकल्पित है. लोकमाता देवी अहिल्याबाई के सिद्धातों एवं आदर्श राज्य की नीति एवं निर्माण में समाहित किया जायेगा. उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए महिला नेतृत्व एवं सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने प्रभावी कदम बढाए हैं.
बैठक से पहले शराबबंदी का किया था ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को नरसिंहपुर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद यह पूरी संभावना है कि कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. शराबबंदी के फैसले से न केवल धार्मिक नगरी क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद की जा रही है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी यह एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है.
आज हो सकते हैं ये अहम निर्णय
आज की कैबिनेट बैठक में मोहन यादव सरकार नई आबकारी नीति पर भी मुहर लगाएगी. इस नीति पर कई दौर की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराबबंदी का फैसला किया है. इस बैठक में 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई पर चर्चा के बाद मंजूरी दी जाएगी. इसके अलावा शराब की दुकानों की नीलामी से जुड़ी नई शर्तों पर भी चर्चा की जाएगी. देवी अहिल्याबाई का जीवन भारतीय इतिहास में एक प्रेरणा की तरह है, ऐसे में उनकी 300वीं जयंती के मौके पर उनके कार्यों और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं का ऐलान कर सकती है.
उज्जैन और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थल हैं, वहीं मैहर एक शक्तिपीठ है. ओरछा में राजा राम मंदिर है, जहां भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है. महेश्वर देश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और अमरकंटक वह जगह है जहां नर्मदा नदी का उद्गम होता है.
क्यों खास है महेश्वर?
देवी अहिल्याबाई होलकर का शासनकाल मध्यप्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम युग माना जाता है. आज भी महेश्वर, जो कि होल्कर शासकों के राजाओं की राजधानी था, मध्यप्रदेश का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है. महेश्वर के किले, घाटों और मंदिरों को देखकर देवी अहिल्याबाई की दूरदृष्टि और उनके योगदान से हम आज भी गौरव का अनुभव करते हैं.
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