MP Cabinet: मोहन कैबिनेट में भी सीधी को नहीं मिली जगह, एक बार फिर मायूस हो गया जिला

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का बहुमत आते ही सांसद रीती पाठक का नाम पहले मुख्यमंत्री और फिर उप मुख्यमंत्री और बाद में मंत्री पद के लिए सुर्खियों में रहा है. माना जा रहा था कि अब उन्हें मंत्री पद मिलेगा क्योंकि दो बार की सांसद रीति पाठक को सीधी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा गया और वह करीब 35000 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर विधायक निर्वाचित हुईं लेकिन मोहन कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली. 

Advertisement
Read Time: 17 mins
मोहन कैबिनेट में भी सीधी को नहीं मिली जगह

Sidhi MP Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार 20 वर्षों से भाजपा की सरकार चली आ रही है जिसमें सीधी (Sidhi) जिले को अभी तक कैबिनेट में मंत्री पद नसीब नहीं हो सका है. माना जा रहा था कि मोहन कैबिनेट (Mohan Cabinet) में सीधी को जगह मिलेगी लेकिन मंत्रिमंडल के विस्तार में सीधी को निराशा हाथ लगी है. सीधी, सिहावल और धौहनी से बीजेपी के विधायक होने के बावजूद भी सीधी मंत्री पद को एक बार फिर मोहताज हुआ है.

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई दिनों से चर्चाएं हो रही थीं. सोमवार को 3:30 बजे जब मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था तब सीधी जिले के लोग भी काफी उम्मीदें लगाकर बैठे थे. संसदीय क्षेत्र से दो बार की सांसद रीती पाठक को कैबिनेट में जगह मिल सकती थी. इसके अलावा अगर आदिवासी कोटे से बात करें तो धौहनी विधायक कुवंर सिंह टेकाम भी काफी मजबूत माने जा रहे थे. विधानसभा सिहावल क्षेत्र से दो बार के विधायक विश्वामित्र पाठक भी मंत्री पद के लिए दावेदार बताए जा रहे थे लेकिन जैसे ही मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ और सीधी से किसी का नाम शामिल नहीं किया गया तो सीधी जिले के भाजपाइयों से लेकर हर आम और खास निराश नजर आया.

Advertisement

यह भी पढ़ें : 'टीम मोहन' में कितने OBC चेहरे? 28 में से कितने मंत्री सामान्य और SC-ST?

कांग्रेसियों ने खूब कसा तंज

कांग्रेसियों ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के 20 वर्षों के शासनकाल में सीधी जिले को कोई महत्व नहीं मिला है. विकास कार्यों में पिछड़ा सीधी जिला और पिछड़ता जा रहा है. तीन सीट पर विधायक जीतने के बावजूद भी एक भी विधायक को मंत्री पद से नवाजा नहीं गया है. ऐसे में क्षेत्र का विकास अवरुद्ध होता जा रहा है जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में सीधी जिले से दो मंत्री हुआ करते थे.

Advertisement

कांग्रेस के लोगों का कहना है कि आखिर बीजेपी किस बात का दंभ भरती है कि हम विकास को महत्व देते हैं. सीधी जिला अरसे से भाजपा की नजर में उपेक्षित है और एक बार फिर से यह उपेक्षा का शिकार हुआ है. अगर तीन विधायकों में से किसी भी एक विधायक को मंत्री पद दिया जाता तो सीधी का विकास तेजी से आगे बढ़ता और यहां लोगों को रोजगार एवं संसाधन के अन्य साधन उपलब्ध होते.

Advertisement

यह भी पढ़ें : 'भगवान' मय हुई साय कैबिनेट! CM समेत सात मंत्रियों के नाम का है 'विष्णु' से कनेक्शन

रीति पाठक का नाम रहा सुर्खियों में

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का बहुमत आते ही सांसद रीती पाठक का नाम पहले मुख्यमंत्री और फिर उप मुख्यमंत्री और बाद में मंत्री पद के लिए सुर्खियों में रहा है. माना जा रहा था कि अब उन्हें मंत्री पद मिलेगा क्योंकि दो बार की सांसद रीति पाठक को सीधी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा गया और वह करीब 35000 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर विधायक निर्वाचित हुईं लेकिन मोहन कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली. 

बताया जा रहा है कि उन्हें कल से ही फोन का इंतजार था और फोन आया भी लेकिन उसमें कोई स्पष्ट संदेश नहीं था. वह भोपाल जरूर गईं लेकिन उन्हें मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई गई. लिहाजा मोहन कैबिनेट में उन्हें शामिल नहीं किया गया. ऐसे में अब सीधी विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए रीति पाठक कितना जोर लगा पाएंगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा.