Budhni by Election: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के चुनाव क्षेत्र से उप चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी (BJP Candidate) को कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. हालत ये है कि मंगलवार भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव (Ramakant Bhargava) के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे विधानसभा के प्रभारी रामपाल सिंह राजपूत (Rampur Singh Rajpoot) को कार्यकर्ताओं ने उल्टे पांव वापस लौटा दिया.
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि हमें रमाकांत भार्गव जैसा प्रत्याशी मंजूर नहीं है. यदि संगठन ने अपना निर्णय नहीं बदला, तो फिर कार्यकर्ता परिणाम बदलने की ताकत भी रखता है. कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रदेश और केंद्रीय संगठन की ओर से कार्यकर्ता और जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं किया. इन लोगों ने कहा कि आयातित किया गया उम्मीदवार हमें कतई मंजूर नहीं है.
कार्यकर्ताओं ने नहीं सुनी नेताओं की बात
दरअसल, बुधनी विधानसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनाएं गए रमाकांत भार्गव के टिकट का विरोध थामने के लिए भैरूंदा पहुंचे उप चुनाव प्रभारी रामपाल सिंह राजपूत को भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा. कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में रमाकांत भार्गव के टिकट का विरोध करते हुए कहा कि संगठन को अपना फैसला बदलना होगा. यदि संगठन ने राजेन्द्र सिंह राजपूत को प्रत्याशी नहीं बनाया, तो चुनाव में इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के कारण रामपाल सिंह राजपूत को भाषण बीच में ही छोड़ना पड़ा. हालांकि, राजपूत बार-बार कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास करते रहे थे. इसके बावजूद कार्यकर्ताओं की सिर्फ एक ही मांग रही कि यदि प्रत्याशी नहीं बदला गया, तो कार्यकर्ता कांग्रेस के समर्थन में वोटिंग करेंगे.
रमाकांत भार्गव का लगातार हो रहा है विरोध
गौरतलब है कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव का टिकट मिलने से पहले ही सोशल मीडिया पर चुनावी रथ का फोटो वायरल होने के बाद भार्गव का विरोध शुरू हो गया था. नजारा देख कर भावुक हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं को बैठक में आने से रोका, लेकिन कार्यकर्ताओं के प्यार को सलाम. बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि इस बैठक में कार्यकर्ताओं को आने से रोकने का भरपूर प्रयास किया गया, लेकिन मैं कार्यकर्ताओं के हिम्मत हौसले को सलाम करता हूं, जिन्होंने मेरे खातिर एक बुलावे पर इस बैठक में आकर मेरा मान और सम्मान रखा. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की तपस्या भंग न हो, इसलिए मैंने यह बैठक आहूत की थी. कार्यकर्ताओं का जो निर्णय होगा, वह मेरे लिए सर्वमान्य होगा. मेरा पूरा जीवन कार्यकर्ताओं की सेवा में हमेशा समर्पित रहेगा. मुझे पद का कोई लालच नहीं हैं. हम अपनी बात मर्यादित रूप से संगठन तक पहुंचाएंगे, लेकिन जिस तरह प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व ने जो निर्णय लिया है. वह पीड़ादायक है.
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चुनाव प्रभारी रामपाल सिंह राजपूत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब लोगों ने मिलकर कार्तिकेय सिंह चौहान का नाम केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा था, लेकिन परिवार के सदस्य का नाम होने के कारण दिल्ली में आयोजित बैठक में खुद शिवराज सिंह चौहान नहीं गए. इसलिए जो निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने लिया है, वह पार्टी का है. आप लोगों की भावनाओं को सुनने के लिए मैं आपके बीच आया हूं. आपकी बात को संगठन के बीच रखूंगा.
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