Madhya Pradesh Budget 2025: मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट (MP Vidhan Sabha Budget 2025) में युवाओं और स्टूडेंट्स का भी ध्यान रखा है. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2025-26 को "उद्योग और रोज़गार वर्ष" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. हमारी सरकार प्रदेश के बहुमुखी विकास के लिए, उपलब्ध संसाधनों का बेहतर निवेश करती आ रही है. इसके परिणाम निकट भविष्य में और अधिक स्पष्ट व प्रभावी रूप से परिलक्षित होने लगेंगे. प्रदेश के 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों में 3 लाख नौकरियां मिलेंगी. आइए जानते हैं युवाआ के लिए जगदीश देवड़ा के पिटारे से क्या कुछ निकला है?
ऐसे साकार होगा नौकरियों का सपना
वित्त मंत्री ने कहा कि "डेस्टिनेशन- मध्यप्रदेश निवेश" ड्राइव के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनसे 3 लाख 74 हज़ार 834 करोड़ 4056 रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. प्रदेश में पूर्व से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों के अतिरिक्त 14 हज़ार 500 एकड़ भूमि पर 39 नये औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप 3 लाख से अधिक रोजगारों का सृजन संभावित है."
युवा कल्याण के लिए क्या कुछ कहा?
वित्त मंत्री ने कहा कि नई सोच और नए जोश से परिपूर्ण युवा वर्ग हमारे प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रहा है.
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भी छात्रवृत्तियाँ, साधन सम्पन्न विद्यालय व छात्रावास, स्वरोज़गार व रोज़गार के लिए प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक पाठ्यक्रम, विदेश में अध्ययन के लिए छात्रवृत्तियाँ, रियायती ब्याज दर पर ऋण सुविधा एवं उत्कृष्ट खेल संरचनायें आदि के लिये समुचित प्रावधान प्रस्तावित हैं.
ये आंकड़ें गिनाए गए
- प्रदेश में वर्ष 2024-25 में 4 हज़ार 473 विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक अर्थात नर्सरी कक्षाएं प्रारंभ हो गई हैं. सकल नामांकन दर, प्राथमिक शिक्षा में 98 प्रतिशत, माध्यमिक शिक्षा में 70 प्रतिशत तथा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में 67 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है.
- "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020" के अन्तर्गत अब तक 2 हज़ार 383 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 14 ट्रेड्स में व्यावसायिक शिक्षा संचालित है. इसे बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 600 नये विद्यालयों में संचालित किए जाने का लक्ष्य है.
- "पी.एम. श्री योजना" के अन्तर्गत चिन्हित 780 विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ अध्ययन पाठ्यक्रमों का संचालन प्रारंभ है.
- प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए "सी.एम. राइज़ स्कूल" संचालित किए जा रहे हैं. वर्ष 2022-23 से लागू इस योजना में अब तक 275 विद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं तथा वर्ष 2025-26 तक इन विद्यालयों में परिवहन सुविधा भी प्रारंभ कर दी जायेगी.
- प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के लिए वर्ष 2024-25 में 3 हज़ार 259 शिक्षकों की नियुक्तियाँ की जा चुकी हैं एवं 19 हज़ार 362 नियुक्तियाँ प्रक्रियाधीन हैं.
- स्कूल शिक्षा में समग्र शिक्षा अभियान, एक शाला-एक परिसर, सी.एम. राइज़ विद्यालय, आर.टी.ई. अन्तर्गत निजी विद्यालयों को शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति, छात्र-छात्राओं को प्रदाय की जाने वाली निःशुल्क गणवेश, पुस्तकें, सायकल, लैपटॉप, स्कूटी प्रदाय आदि योजनाओं से प्रदेश में शिक्षा की सर्वव्यापकता बढ़ी है.
- शिक्षा संबंधी प्रमुख योजनाओं जैसे सी.एम. राइज़ में रुपये 3 हज़ार 68 करोड़, साइकिलों का प्रदाय योजना में रुपये 215 करोड़, पी.एम.श्री योजना में रुपये 430 करोड़, निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों का प्रदाय योजना में रुपये 124 करोड़ तथा शाला भवनों के रख-रखाव के लिए रुपये 228 करोड़ के प्रावधान प्रस्तावित हैं.
- उच्च शिक्षा, क्षेत्र विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करती है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक विस्तार हुआ है. प्रदेश में शासकीय व निजी क्षेत्र में 73 विश्वविद्यालय एवं लगभग 1 हज़ार 400 महाविद्यालय हैं.
- "प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस" के तहत प्रत्येक ज़िले में एक महाविद्यालय को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है.
- . राज्य में उच्च शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए खरगोन, गुना और सागर में तीन नए शासकीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है. भवन विहीन महाविद्यालयों के लिए 133 नए भवनों के निर्माण तथा 192 महाविद्यालय भवनों के सुदृढ़ीकरण के कार्य भी प्रचलित हैं.
- पी.एम. ऊषा परियोजना के अंतर्गत इस वर्ष प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों तथा 27 महाविद्यालयों में अधोसंरचना विकास, शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान तथा महिलाओं के समानता और समावेशन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न घटकों के अंतर्गत कुल राशि रुपये 565 करोड़ के कार्य किए जा रहे हैं.
- आई.आई.टी. इंदौर, आई.आई.टी. जोधपुर एवं आई.आई.टी. दिल्ली के साथ किये गये एम.ओ.यू. के माध्यम से इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों हेतु प्रयोगशालाओं की विज़िट, लर्निंग रिसोर्स सेंटर्स के उपयोग, निःशुल्क इंटर्नशिप तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में ज्ञानार्जन के अवसर उपलब्ध हुए हैं.
- आई.आई.टी. इन्दौर के सहयोग से उज्जैन में डीप-टेक रिसर्च एंड डिस्कवरी कैम्पस स्थापित किया जा रहा है.
- आगामी पाँच वर्षों में प्रदेश के प्रत्येक संभाग में आई.आई.टी. के स्वरूप की मध्यप्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी संस्थान खोले जाने का लक्ष्य है. इसके अतिरिक्त प्रदेश में डिजिटल यूनिवर्सिटी तथा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना का भी हमारा लक्ष्य है.
- इस वर्ष आई.टी.आई. विहीन 22 विकासखंडों में नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है, जिससे प्रदेश में आई.टी.आई. की संख्या बढ़कर 958 तथा प्रशिक्षण क्षमता कुल 1 लाख 21 हज़ार सीटों की हो गई है. विभिन्न आई.टी.आई. में जनजातीय एवं परम्परागत कौशल, एक ज़िला एक उत्पाद से संबंधित पाठ्यक्रम तथा वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं. शासकीय आई.टी.आई. देवास, छिंदवाड़ा एवं धार में ग्रीन स्किलिंग से संबंधित पाठ्यक्रम, जैसे सोलर टेक्नीशियन एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक, प्रारंभ किये गये हैं.
लोकमाता देवी अहिल्याबाई कौशल विकास कार्यक्रम
प्रदेश में कौशल विकास के विस्तार तथा विविधता के उद्देश्य से "लोकमाता देवी अहिल्याबाई कौशल विकास कार्यक्रम" प्रारम्भ किया जाएगा. यह कार्यक्रम कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक राज्य स्तरीय मंच के रूप में कार्य करेगा. खेल ऐसा माध्यम है जो युवाओं में अनुशासन, टीम भावना तथा साहस जैसे सद्गुणों का विकास कर उन्हें एक संकल्पवान व सफल जीवन प्रदान करता है.
"खेलो इंडिया योजना" के तहत, उभरती प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रदेश के ज़िला मुख्यालयों पर "खेलो इंडिया स्मॉल सेंटर" स्थापित किये गये हैं. वर्तमान में प्रदेश में 11 खेल अकादमियों में 18 खेलों की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की अधोसरंचना, उपकरण व प्रशिक्षण की सुविधायें उपलब्ध हैं. प्रदेश में वर्तमान में 18 अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी टर्फ, 7 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक एवं 114 खेल स्टेडियम के अतिरिक्त 09 अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी टर्फ, 05 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक तथा 56 खेल स्टेडियम शीघ्र ही उपलब्ध होंगे.
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