MP बोर्ड के बिगड़े हालात ! छिंदवाड़ा के स्कूलों का कुछ ऐसा रहा हाल, पढ़ें रिपोर्ट

MP Board Result Decline : बीते साल भारत में करीब 65 लाख से ज्यादा छात्र 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए. देश में 56 राज्य स्कूल बोर्ड और 3 नेशनल स्कूल बोर्ड के परिणाम पर ये रिपोर्ट सामने आई है. शिक्षा विभाग को मानें तो, पिछले साल देश भर में 10वीं और 12वीं के कई लाख छात्र फेल हो गए.

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Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश, भोपाल के सत्र 2023-24 की बोर्ड परीक्षाओं में छिंदवाड़ा जिले का प्रदर्शन पिछले सालों की तुलना में बेहतर रहा है. जिले के ज़्यादातर विद्यार्थियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे जिले का कुल परीक्षा परिणाम संतोषजनक रहा. जिले में कक्षा 10वीं के 24822 विद्यार्थियों में से 15029 विद्यार्थी पास हुए, जिससे जिले का 10वीं का नतीजा 60.5% रहा. वहीं, कक्षा 12वीं में 20431 विद्यार्थियों में से 12501 विद्यार्थी पास हुए, जिससे 12वीं का परिणाम 61.2% रहा. जिले के कुछ स्कूलों का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है. इनमें से एक बड़े स्कूल शहर का EFA स्कूल है जिसका 10वीं का नतीजा केवल 29.7% और 12वीं का नतीजा 44% रहा.

औसत से कम आए नतीजे

बता दें कि यह परिणाम जिले के औसत प्रदर्शन से काफी नीचे है जो कि शिक्षा अधिकारियों और माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन गया है. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने EFA स्कूल के कमजोर नतीजों को लेकर हाल ही में एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में स्कूल के नतीजों को लेकर गंभीर चर्चा की गई और विद्यालय को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया.

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क्या बोला स्कूल स्टाफ ?

इस विषय पर NDTV से बातचीत करते हुए EFA स्कूल के प्राचार्य एम. आर. गावंडे ने बताया कि स्कूल का खराब नतीजा कई कारणों से हुआ है. उन्होंने बताया कि स्कूल में कई ऐसे छात्र हैं जो काफी दूरी से आते हैं और नियमित रूप से स्कूल नहीं आ पाते.  साथ ही कई माता-पिता भी बच्चों की पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं हैं. प्राचार्य ने कहा कि स्कूल का नतीजा सुधारने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं जिसमें कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाएंगी.

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सुधार की दिशा में कदम

जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की निगरानी में अब EFA स्कूल के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि अगले साल बेहतर परिणाम मिल सकें. जिले के अन्य विद्यालयों को भी ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों की शिक्षा में कोई कमी न रहे और नतीजे संतोषजनक बने रहें.

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