Ajab-Gajab: एक परिवार जिस बेटे की कर रहा था तेरहवीं, वह जिंदा लौट आया घर, जानें- फिर क्या हुआ ?

MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) के लहचोड़ा गांव से एक बहुत ही हैरान करने वाली खबर है, घर वालों ने तो सुरेंद्र को मृत समझकर उसके सारे क्रिया कर्म कर दिए थे. 12 दिन बिलख-बिलख कर बेटे की याद में खूब रोये, लेकिन तेरहवीं के दिन जो हुआ उसे देख-सुनकर सब हैरान रह गए. आखिर ऐसा क्या हुआ पढ़ें पूरी खबर..

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श्योपुर में परिवार ने जिस बेटे का किया अंतिम संस्कार तेरवीं के दिन वो बेटा लौटा घर, सब हैरान!

MP Ajab-Gajab News: एमपी (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) के लहचोरा  (Lahchora Village) गांव में अजीब तरह का मामला देखने को मिला है. यहां एक युवक की सड़क हादसे में मौत होने के बाद उसके परिजन अर्थी को कंधा दे चुके थे. श्मशान में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार अपने हाथों से कर चुके थे, लेकिन ठीक तेरहवीं के दिन वह बेटा जिंदा घर लौट आया.  

इससे पहले घर वाले उसकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करवाया और 12 दिनों तक बेटे की मौत के शोक में घर में मातम रहा. फिर अचानक से वो मारा हुआ बेटा अपनी ही तेरहवीं में घर आ पहुंचा. युवक को जिंदा देख घर और गांव वाले सब हैरान रह गए. बेटे की दस्तक के साथ ही जिस घर में मौत पर मातम मनाया जा रहा था, उसी घर में अचानक से खुशियों की बहार आ गई. इधर, पूरा गांव भी इस घटना पर अचंभित था, जिस बेटे के मरने पर तेरहवीं की जा रही थी. इसी बीच वो बेटा जिंदा घर कैसे आ गया. क्या ऐसा संभव है. लेकिन हां ये सच है.

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मिलती-जुलती लाश को बेटे का शव मान लिए परिजन

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तेरहवीं के दिन जिंदा घर लौटा बेटा सुरेंद्र एक चित्र में अपनी मां के साथ.

दरअसल, 13 दिन पहले राजस्थान की पुलिस श्योपुर के लहचोरा गांव के रहने वाले 28 साल के सुरेंद्र शर्मा के घर पहुंच और सुरेंद्र के राजस्थान के सुरवाड़ इलाके में सड़क हादसे में मौत की खबर परिजनों को दी. परिजनों को उसकी शिनाख्त के लिए अस्पताल के शवगृह में बुलाया गया. इधर, जवान बेटे की सड़क हादसे में मौत की खबर सुनकर सुरेंद्र के परिजन भी बेटे की शिनाख्त के लिए सुरवाड़ पहुंच गए. सुरेंद्र से मिलती जुलती हुई लाश को अपने बेटे का शव मानकर लहचोरा गांव लाकर उसका अंतिम संस्कार करते हुए 12 दिन का शोक भी मानते रहे. फिर 13 वें दिन सुरेंद्र की आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं की रस्म करते हुए ब्राह्मण और रिश्तेदारों को भोजन करवाने की तैयारी में जुटे थे. 

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वीडियो कॉल पर अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ा

ऐसे में पिछले दो महीने से बंद पड़े हुए सुरेंद्र के मोबाइल पर अचानक से उसकी मां का फोन पहुंचता है, लेकिन घर वाले उसके जिंदा होने पर यकीन नहीं करते हैं. ऐसे में सुरेंद्र शर्मा को खुद वीडियो कॉल पर अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ा. सुरेंद्र अल सुबह जयपुर से अपने गांव पहुंचता है, घर में खुद की मौत पर हो रही तेरहवीं पर दंग रह जाता है. वहीं, सुरेंद्र को जिंदा देखकर पूरे घर वालों के होश उड़ जाते हैं. इसके साथ ही पूरा गांव भी हैरानी में पड़ जाता है.

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12 दिन का शोक एक पल में खुशियों में बदला

थोड़ी ही देर में इस गलतफहमी की पिक्चर भी साफ हो जाती है. परिजन समझ जाते हैं, उन्होंने गलत-फहमी में दूसरे युवक को सुरेंद्र समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. पूरे मामले की खबर राजस्थान पुलिस को देकर सुरेंद्र के जिंदा होने की बात बताई गई. इधर, सुरेंद्र के जिंदा होने पर घर में पसरा हुआ शोक पलभर में खुशियों में बदल जाता है. अब लोग इसे ईश्वर का चमत्कार मान रहे हैं.

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