MP News in Hindi: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) एक तरफ निवेशों को रिझाने में तेजी से जुटी हुई है, तो दूसरी तरफ प्रदेश में विकास कार्यों को रफ्तार देने का हवाला देकर लगातार हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेती जा रही है. इसे लेकर सरका विपक्ष के निशाने पर है. दरअसल, एमपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (MP Global Investors Summit) से ठीक पहले एक बार फिर सरकार 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने वाली है, जिसकी भरपाई 12, 15 और 23 वर्षों की अवधि में किया जाएगा. इससे पहले, 1 जनवरी 2025 को सरकार ने 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. नए कर्ज के बाद चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज 41,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. मामले को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने भी ट्वीट किया.
कुल कर्ज चार लाख करोड़ से ज्यादा
मध्य प्रदेश सरकार पर अब तक चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो चुका है. प्रदेश सरकार अभी 24 और 25 फरवरी को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी कर रही है. इस समिट के आयोजन के लिए विशेष तैयारियां हो रही हैं. इस समिट में देश-विदेश से निवेशक शामिल होंगे, जिनके लिए सरकार ने यात्रा, ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं की योजना बनाई है. इन तैयारियों में करोड़ों रुपये खर्च होने का अनुमान है. यही कारण है कि विपक्ष सरकार को कर्ज को लेकर घेर रहा है.
जीतू पटवारी ने किया ट्वीट
एमपी सरकार के कर्ज लेने के मामले को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने ट्वीट किया. उन्होंने लोन लेने के मामले में भाजपा और सीएम यादव सरकार को जमकर घेरा.
'जन कल्याणकारी कामों के लिए...'-बीजेपी प्रवक्ता
एमपी सरकार के कर्ज लेने के मामले को लेकर बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि जन कल्याणकारी काम को सतत् तरीके से जारी रखने के लिए सरकार कर्ज लेती है. उन्होंने कहा, 'हमारी लाडली बहना, तीर्थ दर्शन जैसी कई योजनों के लिए सरकार कर्ज लेती है. साथ ही, इसे समय पर चुका भी देती है.'
उधार का घी पी रही सरकार-अवनीश बुंदेला
सरकार के कर्ज लेने के मामले को लेकर कांग्रेस मीडिया सेल उपाध्यक्ष अवनीश बुंदेला ने भाजपा को घेरा है. उन्होंने कहा कि सरकार उधार का घी पी रही है. उन्होंने कहा, 'सरकार को सोचना चाहिए कि वो अभी तक कितने का कर्ज ले चुकी है, ये कोई नई बात नहीं है. सीएम शिवराज की राह पर चलकर मोहन यादव कर्ज ले रहे हैं.'
विरासत में मिला था इतना कर्ज
पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनावों के बाद बनी नई सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला था. सरकार की प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियों में लाडली बहना योजना शामिल है, जिसके लिए हर महीने लगभग 1,600 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है. बता दें कि 2007 में एमपी पर 52,731.1 करोड़ रुपये का कर्ज था. 2025 में यह 4,80,976 करोड़ रुपये का कर्ज पहुंच गया था.
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