Honesty: ईमानदारी की मिसाल बने मोहम्मद यूनुस, बैंक खाते में आए ₹4.43 लाख तुरंत लौटाए

​मोहम्मद यूनुस ने इस मौके पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह पैसा मेरा नहीं था. यह किसी और की मेहनत की कमाई थी. अगर मैं यह राशि अपने पास रख लेता, तो मुझे चैन नहीं मिलता. ईमानदारी सबसे बड़ी दौलत है और मुझे खुशी है कि मैं उस भाई की मदद कर सका, जिसका पैसा गलती से मेरे पास आ गया था.

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ईमानदारी आज भी जिंदा है. इसका एक बेहतरीन और मार्मिक उदाहरण मध्य प्रदेश के देवास जिले में देखने को मिला. दरअसल, जिले के देवली गांव के एक सामान्य नागरिक मोहम्मद यूनुस ने अपने बैंक खाते में गलती से आई एक बड़ी रकम को बिना किसी लालच के तुरंत उसके असली मालिक को वापस कर दिया. यूनुस की इस नेकदिली और सत्यनिष्ठा ने पूरे क्षेत्र में उन्हें सम्मान का पात्र बना दिया है.

​गलती से ट्रांसफर हुए ₹4.43 लाख

​यह पूरा मामला तब सामने आया, जब शहर के दूध कारोबारी नीलेश नानवानी ने गलती से शनिवार के दिन ₹4,43,000 (चार लाख तैंतालीस हज़ार रुपये) की बड़ी राशि मोहम्मद यूनुस के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी. ​जैसे ही मोहम्मद यूनुस को इस गलती का पता चला, उन्होंने एक पल की भी देरी नहीं की. एक सामान्य आय वाले व्यक्ति के खाते में अचानक इतनी बड़ी रकम का आना शायद किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकता है, लेकिन यूनुस ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और अपनी असाधारण ईमानदारी का परिचय देते हुए तुरंत इस राशि को उसके असली मालिक नीलेश नानवानी को चेक के माध्यम से लौटा दिया.

पैसे वापस कर जताई खुशी

​मोहम्मद यूनुस ने इस मौके पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह पैसा मेरा नहीं था. यह किसी और की मेहनत की कमाई थी. अगर मैं यह राशि अपने पास रख लेता, तो मुझे चैन नहीं मिलता. ईमानदारी सबसे बड़ी दौलत है और मुझे खुशी है कि मैं उस भाई की मदद कर सका, जिसका पैसा गलती से मेरे पास आ गया था.

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वहीं, ​अपनी लाखों की रकम वापस पाकर दूध कारोबारी नीलेश नानवानी की आंखों खुशी नम हो गई. उन्होंने मोहम्मद यूनुस को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसी ईमानदारी आज के दौर में बहुत कम देखने को मिलती है. मैं मोहम्मद यूनुस भाई का दिल से आभारी हूं. ₹4.43 लाख का नुकसान मेरे लिए बहुत बड़ा होता. यूनुस भाई ने जो किया है, वह सिर्फ ईमानदारी नहीं, बल्कि मानवता का सबसे बड़ा उदाहरण है. ऐसे लोग हमारे समाज का गौरव हैं. ​मोहम्मद यूनुस के इस कदम ने न सिर्फ नीलेश नानवानी का विश्वास कायम रखा है, बल्कि देवास में ईमानदारी की एक नई मिसाल भी पेश की है.

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