MNREGA Invisible Labour: सिंगरौली जिले में एक मनरेगा महिला मजदूर आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है, जो अदृश्य रहकर रोजाना मजदूरी करती है और उसके खाते में सैलरी भी बराबर पहुंच रही है. सरकारी रिकॉर्ड में मनरेगा मजदूर के रूप में दर्ज महिला अदृष्य होकर तालाब की खुदाई के कार्य करती है.
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यह चौंकाने वाला मामला सिंगरौली जिले की सीमा से सटे गांव धानी का है. धानी गांव के निवासी सरपंच पाठक की मरहूम पत्ननी कमला पाठक मनरेगा के तहत मजदूरी करती थी, उनका देहांत 27 सितंबर 2020 को हो चुका है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में कमला पाठक न केवल जिंदा है, बल्कि मनरेगा मजदूर के रूप में काम करती हैं और सैलरी भी ले रही हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक जिले के चितरंगी ब्लॉक के धानी ग्राम पंचायत में एक मृत महिला के नाम से मनरेगा मजदूरी लेने का यह गोरखधंधा चल रहा है. जिले की सीमा से सटे अंतिम ग्राम पंचायत होने के कारण यहां सरकारी योजनाओं में हो रहे गोरखधंधे का निरीक्षण करने अधिकारी नहीं पहुंच पाते हैं, जिसका फायदा उठाकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
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मर चुके मनरेगा मजदूरों के जीवित रखे हैं जॉब कार्ड
सिंगरौली जिले के अंतिम गांव में चल रहे बड़े गोरखधंधे का जीगता-जागता प्रमाण मृतक मनरेगा मजदूरा का जॉब कार्ड है. इनमें मृत कमला देवी पाठक पत्नी सरपंच पाठक प्रमुख हैं. मनरेगा जॉब कार्ड धारक कमला पंचायत सरपंच और सचिव की मेहरबानी से आज भी मनरेगा मजदूर हैं और रोजाना काम कर रही हैं और उनके खाते में पैसा भी भेजा जा रहा है.
ससुर सरपंच व रोजगार सचिव बहू ने किया घोटाला
धानी ग्राम पंचायत के सरपंच रामप्रताप पाठक और रोजगार सहायक उनकी बहू शिला पाठक ने मिलकर मनरेगा ही नहीं, बल्कि पीएम आवास योजना जैसे महत्वपूर्ण योजना में लगातार बड़े घोटालों को अंजाम देते आ रहे हैं. ससुर और बहू फर्जी डेटा के जरिए मजदूरों के ATM, पासबुक सरपंच बनवाकर घोटलाों को अंजाम देते हैं.
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90 फीसदी राशि डकार जाते हैं ससुर और बहू
रिपोर्ट के मुताबिक सरपंच ससुर और रोजगार सहायक बहू रिकार्ड में दर्ज मनरेगा मजदूरों को घोटाले का 10 फीसदी रकम देते हैं और 90 फीसदी रकम खुद हजम कर जाते हैं. हालांकि घोटाले की कमाई का हिस्सा सचिव व रोजगार सचिव को भी दिया जाता है. यह मामला एक गांव का नहीं है, बल्कि अन्य गांवों में भी यह घोटाला बेरोक-टोक हो रहा है.
ससुर-बहू पर घोटाले का केस दर्ज कराने की मांग
सरकारी योजनाओं में सरपंच ससुर और रोजगार सहायक बहू के फर्जीवाड़े की खबर फैलने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों ने दोनों ससुर और बहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही दोनों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की डिमांड की है. पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है.