VIDEO  : 'बेटी पढ़ाओ' के नारे की जगह 'मंत्री जी' ने ये क्या लिख दिया ?

Viral Video : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' का नारा गलत लिख दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से जमकर किरकिरी हो रही है.

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Beti Padhao Beti Bachao : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' का नारा गलत लिख दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया (Social Media Viral) पर वायरल होने से जमकर किरकिरी हो रही है. घटना के बाद विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने निशाना साधते हुए उनकी योग्यता पर सवाल उठाए हैं. दरअसल,  धार के ब्रम्हा कुंडी के एक सरकारी स्कूल में बीते दिन यानी कि मंगलवार को 'स्कूल चलो अभियान' का आयोजन किया गया था जिसमें धार सीट से सांसद ठाकुर मुख्य अतिथि थीं. जानकर के लिए बता दें कि ठाकुर, केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं.

वायरल हुआ वीडियो 

इस दौरान उन्होंने सावित्री ठाकुर ने सफेद बोर्ड पर हिंदी में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा लिखा... लेकिन हल्का समय लेने के बाद भी वह इसे ठीक से नहीं लिख पाई और उन्होंने इसे गलत लिख दिया. अब जब इसका वीडियो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई.  वायरल वीडियो पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. के. मिश्रा ने कहा,
 

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❝ यह लोकतंत्र का दुर्भाग्य है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग और बड़े विभागों के जिम्मेदार लोग अपनी मातृभाषा में भी सक्षम नहीं हैं. वे अपना मंत्रालय कैसे संभाल पाएंगे? ' चुनाव में उम्मीदवारों की पढ़ाई लिखे की योग्यता तय करने के लिए संविधान में बदलाव किया जाना चाहिए. ❞ 

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार मिश्रा ने कहा,

❝ एक तरफ देश के नागरिकों के साक्षर होने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार लोगों में साक्षरता की कमी है. तो सच क्या है? यह किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है. ❞ 

धार जिले के आदिवासी नेता एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भी सोशल मीडिया मंच 'X ' पर ठाकुर पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा,

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❝ यह कैसा नेतृत्व है? क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सरकार में सिर्फ रबड़ स्टैंप मंत्री ही चाहते हैं? जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए, क्या इसका कोई मानक नहीं है. कम से कम उसे साक्षर तो होना चाहिए. सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद ठाकुर दो शब्द भी ठीक से नहीं लिख पाती हैं. जब बच्चों ने उन्हें गलत लिखते देखा होगा तो उन्हें कैसा लगा होगा. केंद्र सरकार में वे कैसा नेतृत्व देंगी, इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है? मतदाताओं को ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनने से पहले सोचना चाहिए. मोदी सरकार भी ऐसे शिक्षित नेता नहीं चाहती जो सवाल उठाएं क्योंकि शिक्षा सिर्फ साक्षरता ही नहीं देती, बल्कि समाज के उत्थान के प्रति सोच भी बदलती है. ❞

उमंग सिंघार

कांग्रेस नेता 

देखिए केंद्रीय मंत्री का वीडियो 

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BJP ने दी सफाई ?

इधर, BJP जिला इकाई के अध्यक्ष मनोज सोमानी ने आरोप लगाया कि स्कूल चलो अभियान के दौरान जल्दबाजी में मंत्री से की गई गलती पर कांग्रेस का हंगामा उसकी ''छोटी और आदिवासी विरोधी सोच'' को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ''सावित्री जी की भावनाएं और संवेदनाएं पवित्र हैं, लेकिन कांग्रेसी अपनी भावनाओं को पवित्र नहीं रख पा रहे हैं. आदिवासी महिला का अपमान आदिवासी समाज माफ नहीं करेगा. कांग्रेस आदिवासी महिला के बढ़ते कद को पचा नहीं पा रही है. ''

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