सावधान ! MP के सरकारी अस्पतालों में मिलने वाला ORS पाउडर खराब, विटामिन D-3 भी अमानक

मध्यप्रदेश के लोगों के लिए चिंताजनक खबर है- यहां 15 दिनों में तीसरी बार ये बात सामने आई है कि यहां के सरकारी अस्पतालों में मानक से कमजोर दवाएं या अमानक दवाएं सप्लाई हुई हैं. ये दवाएं आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक सरकारी असतालों में मिलने वाले ORS पाउडर और कैल्शियम विद विटामिन डी-3 जैसी दवाएं अमानक पाई गई हैं.

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MP Medicines News: मध्यप्रदेश के लोगों के लिए चिंताजनक खबर है- यहां 15 दिनों में तीसरी बार ये बात सामने आई है कि यहां के सरकारी अस्पतालों में मानक से कमजोर दवाएं या अमानक दवाएं सप्लाई हुई हैं. ये दवाएं आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक सरकारी असतालों (Government Hospital) में मिलने वाले ORS पाउडर (ORS Powder) और  कैल्शियम विद विटामिन डी-3 (Vitamin D-3) जैसी दवाएं अमानक पाई गई हैं. इससे पहले ICU में इस्तेमाल होने वाली जीवन रक्षक दवाएं (life Saving Medicines) भी स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं पाईं गई थीं. चौंकाने वाली बात ये है कि इस गड़बड़ी को खुद मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन ने ही पकड़ा है. 

ये दवाएं पाई गईं अमानक

पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन ने इस संबंध में सभी जिलों के डीन, CMHO और अस्पताल अधीक्षकों को पत्र भी जारी किया है. इस पत्र के मुताबिक च नंम्बर LMT240628,No. LMT240629 की Calcium with vitamin D3 टैबलेट अमानक पाई गई है. इसी पत्र में बताया गया है कि Batch No. Z-40947 की ORS WHO Powder Glucose भी अमानक है. कॉरपोरेशन ने अब इन अमानक दवाओं के लॉट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दरअसल सबसे पहे धार के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पत्र से इस गड़बड़ी का पता चला. उन्होंने अपने पत्र में बताया था कि  जेनिथ ड्रग द्वारा सप्लाई किए गए  ORS पाउडर ग्लूकोज, सोडियम क्लोराइड, पोटेशियम क्लोराइड और ट्राई सोडियम साइट्रेट की जांच के बाद पता चला है कि वे अमानक हैं. ठीक इसी तरह से बैतूल और देवास में लाइफ मैक्स कैंसर लेबोरेटरीज की कैल्शियम विद विटामिन डी-3 की टेबलेट के सैंपल्स  भी फेल पाए गए. 

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कई जीवनरक्षक दवाएं पहले पाई गईं थीं अमानक

बता दें कि इससे पहले 9 अगस्त को कई जीवन रक्षक इंजेक्शन समेत कुल 9 दवाओं को अमानक पाया गया था. जिसके बाद उस पूरे लॉट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.सवाल ये है कि राज्य में बार बार अमानक दवाओं की सप्लाई क्यों हो रही है? ORS जैसे घोल जो छोटे बच्चों को भी डिहाइड्रेशन दूर करने के लिए दी जाती है वो भी स्टैंडर्ड नहीं हैं. फिलहाल सराकर ने इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है लेकिन सवाल ये है कि इससे पहले जिन लोगों ने इन दवाओं का इस्तेमाल किया है क्या ये उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं है.

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