डॉक्टर की पर्ची के बिना दी थी दवा, नप गया मेडिकल स्टोर संचालक, 5 माह के मासूम की गई थी जान!

कस्बाई इलाकों में गरीब मरीजों के फेमली डाक्टर बन चुके झोलाछाप डाक्टर अमूमन कंपाउंडर से डाक्टर बनकर इलाज करते हैं. ऐसे डाक्टर्स अक्सर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं, लेकिन कम पैसों में इलाज के चलते मरीज उनकी सेवा लेने को मजबूर होते हैं.

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FIR AGAINST MEDICAL STORE OWNER WHO SOLD WITHOUT DOCTOR'S PRESCRIPTION, MAUGANJ, MP

Infants Death: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक मेडिकल स्टोर द्वारा संचालित क्लीनिक में बिना डाक्टर की पर्ची के गलत दवा देने से 5 माह के बच्चे की मौत के मामले रविवार को दुकानदार संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया. मेडिकल स्टोर द्वारा संचालित क्लीनिक में गलत दवा के सेवन से मासूम ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया था.

कस्बाई इलाकों में गरीब मरीजों के फेमली डाक्टर बन चुके झोलाछाप डाक्टर अमूमन कंपाउंडर से डाक्टर बनकर इलाज करते हैं. ऐसे डाक्टर्स अक्सर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं, लेकिन कम पैसों में इलाज के चलते मरीज उनकी सेवा लेने को मजबूर होते हैं.

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गलत दवा से श्वेता यादव नामक महिला के बच्चे की हुई दर्दनाक मौत

दरअसल, जिले के हनुमना जनपद के ग्राम देवरा वार्ड नंबर 5 निवासी श्वेता यादव नामक महिला अपने पांच महीने के बेटे दुर्गेश यादव पिता धर्मेंद्र यादव की तबीयत बिगड़ने पर बीते शुक्रवार करीब 1 बजे खटखरी स्थित मिश्रीलाल गुप्ता के मेडिकल स्टोर ले गई, जहां संचालित क्लीनिक में बीमार बच्चे को पिलाई गई दवा से मासूम की मौत हो गई थी.

तीन सिरप दवाएं पिलाने के कुछ देर मासूम ने क्लीनिक पर तोड़ा दम

परिजनों के मुताबिक जब मां बच्चे को लेकर पहुंची, तो मेडिकल स्टोर का संचालक वहां नहीं था, बल्कि उसका बेटा मौजूद था, उसने मासूम को तीन सिरप दवाएं पिलाई और कुछ देर अचानक बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और अंततः उसने दम तोड़ दिया. मासूम की मौत के बाद परिजनों ने क्लिनिक संचालक पर गंभीर आरोप लगाए.

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मेडिकल स्टोर में संचालित जिस क्लीनिक में बच्चे को दवा दी गई,वहां ना तो कोई प्रशिक्षित डॉक्टर है, ना कोई जांच सुविधाएं हैं. जो व्यक्ति कपड़े की दुकान चलाता है, वही मेडिकल स्टोर और क्लिनिक गैरकानूनी तरीके से संचालित करता है. फिलहाल, प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया है.

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मऊगंज कलेक्टर के दखल के बाद विनोद मेडिकल स्टोर के खिलाफ हुई कार्रवाई

कलेक्टर मऊगंज संजय कुमार जैन ने बताया कि विनोद मेडिकल स्टोर के संचालक जितेन्द्र कुमार गुप्ता ने डॉक्टर की पर्चे के बिना बच्चे को दवा दी, जिसे गंभीर लापरवाही मानते हुए मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है. आरोपी दुकानदार जितेन्द्र कुमार गुप्ता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है और पुलिस प्रकरण में कार्यवाही कर रही है.

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मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी और एसडीम द्वारा मामले की जांच कराई गई

रिपोर्ट के मुताबिक पूरी घटना की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव शुक्ला और एसडीएम हनुमना रश्मि चतुर्वेदी से जांच कराई गयी, बच्चे की माता और परिवारजनों से भी इस संबंध में पूरी जानकारी ली गई. मासूम का मऊगंज में डॉ. मंसूरी खान द्वारा उपचार कराया गया, लेकिन आराम नहीं मिला था. 

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मासूम को खोने वाली मां श्वेता यादव ने बताया कि उसका बच्चा पिछले एक माह से बीमार था, उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. मासूम के उपचार के लिए वह विनोद मेडिकल स्टोर पर संचालित क्लीनिक लेकर गए, जहां दवा पिलाते ही मासूम की कुछ देर में मौत हो गई.

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विनोद मेडिकल स्टोर द्वारा दी तीन दवाए पिलाने के बाद हुई मासूम की मौत

 4 दिन पहले ग्राम खटखरी में आयुर्वेदिक चिकित्सक से उपचार कराया गया, जिससे आराम न मिलने पर 24 अक्टूबर को बच्चे को लेकर उसकी मां विनोद मेडिकल स्टोर गई, जहां मासूम को तीन दवायें पिलाई गईं. इनमें एमॉक्सीसिलीन ओरल सस्पेशन, बेटामेथासोन, सोडियम फास्फेट ओरल ड्राप और ट्रेराब्यूटाइंन व्रोमाक्सीन सिरप लिया प्रमुख था.

डायरेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेस मध्य प्रदेश ने कलेक्टर को दिए कार्रवाई के निर्देश

डायरेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेस मध्य प्रदेश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मऊगंज कलेक्टर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए, जिसके बाद मेडिकल टीम विस्तृत जांच कर रही है. जांच में दोषी पाये जाने पर समुचित कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने बताया कि दवाओं के सैम्पलिंग कर उन्हें जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है.

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