कंप्यूटर ऑपरेटर का रसूख ऐसा कि कलेक्ट्रेट में लगवा दी आग, जानें शिवपुरी में हुए बड़े घोटाले के मास्टरमाइंड की कहानी

MP News: शिवपुरी में 20 लाख रुपये का एक घोटाला सामने आया है. इस घोटाले का मुख्य आरोपी एक निजी कंपनी काम करने वाला कंप्यूटर ऑपरेटर है. फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में है.

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आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर

Big Scam in Shivpuri Collectorate: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) से एक बड़ा घोटाला सामने आया है. जहां एक निजी कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर (Mastermind of Scam Computer Operator) की मामूली नौकरी करने वाला व्यक्ति इस घोटाले का मास्टरमाइंड है. आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर रूप सिंह परिहार का रूतबा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपनी करतूत छिपाने के लिए कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम (Fire in Record Room) में आग लगवा दी. फिलहाल, आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर पुलिस की गिरफ्त में हैं. कोतवाली पुलिस (Shivpuri Police) ने कंप्यूटर ऑपरेटर रूप सिंह परिहार, तत्कालीन आहरण एवं संवितरण अधिकारी शिवपुरी राकेश कुमार ढोढी, सहायक ग्रेड-3 भू-अभिलेख शाखा शिवपुरी दीपक खटीक के साथ रूप सिंह की पत्नी रचना सहित अन्य तीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है और मामले की जांच की जा रही है.

ये है पूरा मामला

बता दें कि घोटाले के आरोपी रूप सिंह परिहार पिछोर में लोअर नदी परियोजना के अंतर्गत कार्य करने वाली प्राइवेट कंपनी मंटेना में काफी समय से कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कर रहा था, जिसका मुख्य कार्य परियोजना के अंतर्गत ग्राम वासियों से ली गई जमीन का भुगतान कराने संबंधी दस्तावेज तैयार कराना है एवं बिल का भुगतान के लिए भू-अर्जन शाखा शिवपुरी भेजना था. रूप सिंह ने जो भू-अर्जन शाखा में भुगतान के लिए बिल भेजे थे, उन भुगतान में रूप सिंह ने 20 लाख रुपये का फर्जी भुगतान करा लिया था. रूप सिंह ने 20 लाख का घोटाला करते हुए अपनी पत्नी रचना के खाते में 7 लाख 34 हजार 125 रुपए, राजपाल के खाते में 3 लाख 75 हजार 619 रुपए, गोमती के खाते में 4 लाख 39 हजार 368 रुपए और सुखवती के खाते में 4 लाख 50 हजार 888 रुपए का भुगतान किया.

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मामले में कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद 20 लाख रूपये का मिलान न होने के चलते कलेक्टर ने भू-अर्जन शाखा में जांच के निर्देश दिए थे, यही वजह रही कि फसने के डर से रूप सिंह परिहार ने कलेक्ट्रेट में आग लगवा दी. बता दें कि मामले में कोतवाली पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर रूप सिंह परिहार, तत्कालीन आहरण एवं संवितरण अधिकारी शिवपुरी राकेश कुमार ढोढी, सहायक ग्रेड-3 भू-अभिलेख शाखा शिवपुरी दीपक खटीक के साथ रूप सिंह की पत्नी रचना सहित अन्य तीन के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है.

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करोड़ों की संपत्ति का मालिक है ऑपरेटर

बताया जाता है कि मामूली सा कंप्यूटर ऑपरेटर जो एक निजी कंपनी में काम करता है, वह सरकारी सिस्टम में गहरा दखल रखता है. बताया गया है कि इस कंप्यूटर ऑपरेटर के पास न केवल पांच जेसीबी मशीन हैं, बल्कि दो लग्जरी गाड़ियां, मकान, खेत, दुकान और अन्य संपत्ति भी है. इतना ही नहीं इसका रुतबा पूरी पिछोर तहसील में चलता है. बताया यह भी जाता है कि इसने राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे कुछ राजनेताओं को भारी भरकम गिफ्ट भी दिए हैं. अब इस ऑपरेटर के पास में इतनी संपत्ति कैसे आई और यह देखते ही देखते करोड़ों में कैसे खेलने लगा? इस बात का पता लगाने और असलियत जानने के लिए पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है.

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आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर रूप सिंह परिहार (लाल घेरे में)

एक करोड़ खर्च कर किया था धार्मिक आयोजन

जानकारी के अनुसार, रूप सिंह ने साल 2023 में पिछोर तहसील के अंतर्गत अपने क्षेत्र में एक विशाल धार्मिक आयोजन किया था, जिसकी पूरी व्यवस्थाएं खुद इस कंप्यूटर ऑपरेटर ने संभाली थी. इस धार्मिक आयोजन में जानी-मानी कथावाचक जया किशोरी कथा वाचन के लिए आई थीं. उस समय इस कंप्यूटर ऑपरेटर का इतने बड़े स्तर पर इतना व्यापक धार्मिक आयोजन करना चर्चा का विषय बना था.

क्या 20 लाख के अलावा और भी कई घोटाले

पुलिस ने इस मामूली से कंप्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली है. इसके साथ इसकी पत्नी भी पुलिस की हिरासत में है और अब पुलिस और प्रशासन दोनों इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या भू-अर्जन और सिंचाई विभाग से संबंधित यही एकमात्र 20 लाख रुपए का घोटाला है या फिर ऐसे कई और घोटाले हैं? जिनके रिकॉर्ड यह आरोपी जला देना चाहता था.

रिकॉर्ड जलाने के लिए दो आरोपियों को दिए थे 10-10 हजार

माना जा रहा रहा है कि आरोपी ने सिर्फ 20 लाख रुपये का घोटाला छुपाने के लिए रिकॉर्ड नहीं जलाए होंगे, इसके पीछे किसी बड़े घोटाले पर पर्दा डालना भी हो सकता है. इसीलिए आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है. आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिनके नाम पुलिस ने राहुल और चेतन बघेल बताए हैं. आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि मुख्य आरोपी रूप सिंह परिहार ने दोनों को आग लगाने के लिए 10-10 हजार रुपये दिए थे. इसके अलावा उसने आग लगाने की जगह भी बताई थी.

दोपहर में की रेकी और रात में आग के हवाले

पुलिस ने इस मामले की जब जांच की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल करने के बाद मुख्य आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर रूप सिंह परिहार को भी गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि रूप सिंह परिहार जो कि कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ मास्टरमाइंड है, उसने अपने इन दोनों साथियों के साथ मिलकर रेकी की और दोनों को आग लगाने की जगह बताई. आरोपियों ने एक बार रात 10:00 बजे आग लगाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके और फिर रात में 12:18 पर अंदर घुसे और कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम को पेट्रोल की सीसी में आग लगाकर जला डाला.

क्या बोले जांच अधिकारी?

कलेक्ट्रेट में हुए अग्निकांड को लेकर जांच कर रहे खुद शिवपुरी जिले के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने इस मामले की जांच करते हुए पूरा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि हमने सभी गिरफ्तार किए गए आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ करने के लिए कोर्ट से 3 दिन की रिमांड के लिए अनुमति मांगी है, जिसमें हमें उम्मीद है कि उनके साथ और कौन-कौन कर्मचारी या अन्य लोग मिले हुए हैं उनके संबंध में पता लगाया जाएगा.

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