MP News in Hindi: 4 साल पहले कोरोनाकाल के दौरान ग्वालियर में हुए बहुचर्चित नकली और मिलावटी प्लाज्मा कांड मामले में ग्वालियर की जिला अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. इस मामले में मुख्य आरोपी को दस वर्ष की सज़ा सुनाई. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एपीएस चौहान ने मुख्य आरोपी सहित पांच लोगों के बारे में कड़ी टिप्पणी की है और दोष पूर्ण अभियोजन की कार्रवाई के चलते चार आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी के खिलाफ लगे आरोपों के आधार पर दोषी मानते हुए सजा सुनाई.
मरीज मनोज गुप्ता को सप्लाई की गई थी नकली प्लाज्मा
बता दें कि कॉविड काल के दौरान प्लाज़्मा थेरेपी से लोगों की जान बचाने की कोशिश चल रही थी, इसलिए प्लाज्मा की डिमांड बढ़ गई थी. ग्वालियर के पड़ाव थाना क्षेत्र में बनाए गए अपोलो कॉविड सेंटर के पास से मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी और सहयोगी अशोक समाधिया, देवेंद्र गुप्ता जगदीश भदकारिया और महेश मौर्य को इस मामले में 10 दिसंबर 2020 को आरोपी बनाया गया था. जिन्होंने संयुक्त रूप से अपोलो अस्पताल में भर्ती मरीज मनोज गुप्ता को नकली प्लाज्मा की सप्लाई की थी. बाद में मरीज मनोज गुप्ता की मौत हो गई थी.
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों का भरोसा उठा
कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि भले ही नकली ना होते हुए भी मिलावटी प्लाज्मा की आपूर्ति अभियुक्त गण द्वारा की गई, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों का भरोसा उठा है. मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी का यह कृत्य भले ही साक्ष्य के आधार पर सिद्ध नहीं हो सका हो, लेकिन उसका आशय स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास उठाने वाला है.
वहीं कोर्ट ने अजय शंकर त्यागी को दोषी मानते हुए दस वर्ष की सज़ा सुनाई है, जबकि अन्य आरोपी अशोक समाधिया, देवेंद्र गुप्ता, महेश मौर्य और जगदीश भदकारिया को दोषमुक्त करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि अजय शंकर त्यागी कोरोना से जेल में हैं.