मध्य प्रदेश में बंद की गईं इंदिरा गांधी बुजुर्ग पेंशन समेत कई योजनाएं, अपात्र घोषित हुए सवा लाख पेंशनभोगी बुजुर्ग

सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव ने विभिन्न पेंशन योजना में गड़बड़ी की आशंका के चलते 1.25 लाख अपात्र पेंशन भोगियों की पेंशन रोकने का फैसला लिया है. यानी अब पात्र बुजुर्गों को पेंशन का लाभ लेने के लिए ख़ुद आवेदन देना होगा और ख़ुद को पात्र घोषित करना होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Old age pension scheme: प्रदेश में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पेंशन पाने वाले सवा लाख बुजुर्गों को सरकार ने पेंशन के लिए अपात्र घोषित कर दिया है और उनके रोकने का निर्णय लिया है. कहा जा रहा है कि सालों से अपात्रों को पेंशन दिया जा रहा था. पेंशन ले रहे लाभार्थियों में से ज्यादातर लोग जांच में 60 की उम्र के नीचे पाए गए हैं. 

सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव ने विभिन्न पेंशन योजना में गड़बड़ी की आशंका के चलते 1.25 लाख अपात्र पेंशन भोगियों की पेंशन रोकने का फैसला लिया है. यानी अब पात्र बुजुर्गों को पेंशन का लाभ लेने के लिए ख़ुद आवेदन देना होगा और ख़ुद को पात्र घोषित करना होगा.

पेंशन योजनाओं में धांधली की शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए

गौरतलब है पेंशन योजना में धांधली की शिकायत के बाद गत 15 जुलाई से पहले सभी केस में जांच के आदेश दिए गए थे. शिकायतकर्ताओं में राजगढ़ और बालाघाट ज़िले के ज़्यादातर बुजुर्ग शामिल हैं. मामले की जांच के लिए कलेक्टर ,ज़िला पंचायत को नोटिस जारी किया गया था.

ऐसे मामलों में अब वेरिफिकेशन के बाद पात्रों को जारी किया जाएगा पेंशन

मामले पर संबंधित अफ़सरों को कहा गया कि पेंशन के लिए दोबारा आए आवेदन आते है और,अगर पात्र साबित होता है तो तुरंत परीक्षण करें. ऐसे मामलों में अब वेरिफिकेशन के बाद ही पेंशन जारी होगी और मामले में दोषी पाए गए अफ़सरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. 

रोकी गईं इंदिरा गांधी बुजर्ग पेंशन योजना समेत कई पेंशन स्कीम 

गड़बड़ी की आंशका के बीच प्रदेश में संचालित हो रही इंदिरा गांधी बुजुर्ग पेंशन योजना ,सामाजिक सुरक्षा बुजुर्ग पेंशन योजना ,मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना ,मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन स्कीम योजना में बंद की गई है. कहा गया है कि जिन हितग्राहियों का नाम अभी कट गया है और वो पेंशन के लिए पात्र हैं तो उन्हें पेंशन के साथ एरियर भी मिलेंगे.

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क्या काग़ज़ों में 60 से कम्र के लोगों को बुजुर्ग बताकर बांटी जा रही थी पेंशन?

अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि विभाग की ओर से किस तरह की गड़बड़ी की गई है? क्या काग़ज़ों में 60 से कम्र के लोगों को बुजुर्ग बताकर पेंशन बांटी जा रही थी या फिर वाक़ई में अपात्र लोगों ग़लत दस्तावेजों के आधार पर पेंशन दी जा रही थी?

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