श्मशान हो तो ऐसा! लोग मनाने आते हैं यहां बर्थ-डे, कराते हैं फोटो सेशन, जानें क्या है खासियत

MP News: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ में स्थित मुक्तिधाम श्मशान घाट को युवाओं ने पर्यटन स्थल में बदल दिया है. यहां सुंदर बाग़, रास्ते, कुर्सियाँ और हॉल बनाए गए हैं. लोग यहां अपना जन्मदिन मनाने, फोटो सेशन करवाने और वृक्षारोपण करने आते हैं.

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मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ में स्थित मुक्तिधाम

Sitamau Miktidham: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में इन दिनों एक श्मशान घाट की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, जिले के सीतामऊ के युवाओं ने यहां के मुक्तिधाम को पर्यटक स्थल के रूप में डेवलप कर अलग ही उदाहरण पेश किया है. जिस जगह पर आने से लोग कतराते थे यहां अब पर लोग अपना जन्मदिन मनाने और फोटो सेशन करवाने पहुंच रहे हैं.  यहां तक कि युवा अपनी शाम की चाय और नाश्ता भी इस मुक्ति धाम में बने सुंदर उपवन में करते हैं. 

कोरोना काल में युवाओं ने अपने समय का सदुपयोग करते हुए शहर के बाहर स्थित मुक्तिधाम के कायाकल्प का संकल्प लिया. चार युवाओं ने इस कार्य को शुरू किया. उनके श्रमदान और कार्य से प्रेरित होकर कई युवा उनसे जुड़ते गए और धीरे-धीरे एक टीम गठित हो गई. अब बीस से ज्यादा युवा महाकाल मुक्तिधाम से जुड़े हुए हैं और इस स्थान का काया कल्प हो चुका है.

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ऐसा है मुक्तिधाम...

सुंदर लहलहाते हुए पेड़-पौधे, सुंदर रास्ते, शानदार कुर्सियां और बड़ा हॉल इस मुक्तिधाम को अब पर्यटक स्थल के रूप में ख्याति दे चुका है. लोग यहां वृक्षारोपण करने और अपना जन्मदिन मनाने के लिए पहुंचते हैं. यही नहीं फोटो सेशन के लिए भी युवा अब यहां आने लगे हैं. महाकाल मुक्तिधाम से जुड़े युवकों ने यहां पर फलदार पेड़ भी लगाए हैं. आम सीताफल अनार समेत कई फलों के पौधे इस बगीचे में अब फल भी देने लगे हैं. 

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इन युवाओं का संकल्प साढ़े 500 से ज्यादा फलदार वृक्षों को इस परिसर में लगाना है. साथ ही यहां पर एक ऐसा स्थल भी बनाना है जहां पर लोग प्री वेडिंग शूटिंग के लिए आ सकें. प्रशासन और आम लोग भी इन युवाओं के हौसले को देखते हुए इनका बढ़-चढ़कर सपोर्ट कर रहे हैं. इन युवाओं ने भ्रांतियां और पुरानी मान्यताओं को तोड़ते हुए मुक्तिधाम को ऐसा डेवलप किया है. लिहाजा दूर-दूर से लोग इस कायाकल्प को देखने के लिए आते हैं. जिस स्थान पर लोग आने से कतराते थे वहां अब आने-जाने वालों का सिलसिला जारी रहता है. 

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ऐसे हुई थी शुरुआत

मुक्तिधाम से जुड़े मुकेश चोरड़िया सहित अन्य युवा बताते हैं कि कैसे इस संकल्प की शुरुआत हुई. उनका कहना है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की महत्ता को देखते हुए उन्होंने यहां वृक्षारोपण की शुरुआत की और जगह को सुंदर बनाने के लिए श्रमदान किया. शुरू में लोगों ने उनका मजाक उड़ाया. यही नहीं परिवार वाले भी बेवजह शमशान में जाने पर एतराज करने लगे लेकिन जब उनके कार्यों को लोगों ने देखा तो फिर धीरे धीरे नकारात्मकता समाप्त हुई और परिजनों समेत सभी का सहयोग मिलने लगा. अब लोग यहां अपना जन्मदिन मनाने और घूमने के लिए भी आने लगे हैं. अभी मुख्य हिस्से में अच्छे पेड़ लग चुके हैं जिनपर फल भी आने लगे हैं. एक हिस्से में शूट के लिए विशेष परिसर तैयार किया जा रहा है, जहां लोग प्री वेडिंग और अन्य शूट करवा सकें. 

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