Mandakini Dixit Dewas Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के इंदौर कनाड़िया निवासी ठेकेदार दिनेश मकवाना सुसाइड केस में देवास की जिला आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित पर बड़ी कार्रवाई हुई है. मध्य प्रदेश शासन ने मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित कर दिया है.
Dinesh Makwana Suicide Case में निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, ग्वालियर निर्धारित किया गया है. कार्रवाई तब हुई जब ठेकेदार दिनेश मकवाना की आत्महत्या के 27 दिनों बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
Mandakini Dixit Dewas Madhya Pradesh
इंदौर से देवास रोज आती-जाती थीं मंदाकिनी दीक्षित
सहायक आबकारी आयुक्त (Assistant Commissioner) मंदाकिनी दीक्षित इंदौर से देवास रोजाना आना-जाना करती थीं. 15 अगस्त को देवास कलेक्टर-एसपी ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था. मंदाकिनी दीक्षित के पति शशांक शेखर राय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. सूत्रों के अनुसार, मंदाकिनी दीक्षित इंदौर में एक आलीशान घर भी बनवा रही हैं.
सीमित मैटरनिटी लीव
एक वर्ष पहले मंदाकिनी ने बेटे को जन्म दिया था. तब उन्होंने केवल 15–20 दिनों की मैटरनिटी लीव ली थी और प्रसव के बाद भी देवास कार्यालय आती रहीं. देवास से पहले वे शाजापुर और नरसिंहपुर में भी पदस्थ रही हैं.
दिनेश मकवाना का वायरल वीडियो
ठेकेदार दिनेश मकवाना ने 8 नवंबर 2025 को जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया था. अब वायरल वीडियो में वे आरोप लगा रहे हैं कि मंदाकिनी दीक्षित उनकी 5 दुकानों के लिए डेढ़ लाख प्रति दुकान के हिसाब से 7.5 लाख रुपए महीना मांग रही थीं. मकवाना का दावा है कि वे उन्हें 20–22 लाख रुपए तक दे भी चुके थे.
मंदाकिनी दीक्षित का पलटवार
मंदाकिनी दीक्षित ने भी आरोप लगाया कि दिनेश मकवाना की मां संतोष बाई ने उन्हें वीडियो वायरल करने की धमकी देकर करोड़ रुपए मांगने की कोशिश की. इस संबंध में उन्होंने 24 नवंबर 2025 को देवास एसपी को शिकायत दी थी.
कौन थे ठेकेदार दिनेश मकवाना?
दिनेश मकवाना इंदौर के कनाड़िया थाना क्षेत्र के निवासी थे. उनके पास देवास जिले के चापड़ा ग्रुप, करनावद ग्रुप और डबल चौकी इलाके में शराब के ठेके थे.
उधर, सीएम डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ''देवास जिले में एक मदिरा ठेकेदार द्वारा आत्महत्या के पूर्व बनाए गए वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए देवास की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. उनके विरुद्ध जांच भी की जा रही है. यह प्रकरण प्रथम दृष्ट्या अत्यंत गंभीर श्रेणी का है''
Read Also: Success Story: गरीबी को मात देकर डिप्टी कलेक्टर बनीं मोना दांगी, 1 ही साल में क्रैक कीं 4 परीक्षाएं