MP News in Hindi : भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में बड़ा हादसा होते-होते बच गया. राघव प्रयाग घाट पर एक ओवरलोड नाव पलट गई. नाव में सवार सभी श्रद्धालु पानी में गिर गए, वो तो गनीमत रही कि गहराई कम होने की वजह से किसी को नुकसान नहीं हुआ. घटना ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर के रख दिया है. क्षमता से ज्यादा सवारियों को नाव में बैठने के चलते ये हादसा हो गया.
कैसे हुआ हादसा ?
जानकारी के अनुसार, श्रद्धालुओं का एक समूह नाव से प्रमोद वन की ओर जा रहा था. जब नाव हनुमान धारा पुल के पास पहुंची और श्रद्धालु उतरने लगे, तब नाव का बैलेंस बिगड़ गया और सभी लोग पानी में गिर गए. गहराई कम होने के कारण किसी को नुकसान नहीं हुआ लेकिन अगर नाव रामघाट के बीच होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था.
बिना लाइसेंस चल रही थीं नावें
जिस नाव के पलटने की घटना हुई, वह बिना लाइसेंस के चल रही थी. ये नाव मइयादीन निषाद नामक व्यक्ति की थी, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. नाव में 22 यात्री सवार थे, जबकि इसकी क्षमता कम थी. नगर पालिका प्रशासन इस लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं देता. यहां अक्सर नियमों की अनदेखी होती है और श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली भी की जाती है.
नाविकों की मनमानी पर ख़ामोशी
चित्रकूट में नाविक अपनी मनमर्जी से नाव चला रहे हैं. ज्यादा कमाने के लालच में वे क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठा रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी यहां दौरा तो करते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. सिर्फ मेलों के दौरान एडवायजरी जारी कर दी जाती है, लेकिन नाविकों को सख्त हिदायत नहीं दी जाती.
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हड़बड़ी में हुआ हादसा - थाना प्रभारी
इस घटना पर थाना प्रभारी DR शर्मा ने बताया कि नाव किनारे पर थी, तभी श्रद्धालु जल्दबाजी में उतरने लगे. इससे नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई. उन्होंने बताया कि गहराई कम थी इसलिए सभी सुरक्षित हैं.
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