CAF कैंप गोली कांड: परिजन बोले- नहीं मिलेगा शहीद का दर्जा, तो नहीं लेंगे शव

CAF camp shooting incident: छत्तीसगढ़ के CAF कैंप में जवान के द्वारा की गई फायरिंग में मृत हुए मैहर के सपूत रुपेश पटेल का पार्थिव शरीर गुरुवार की दोपहर पैतृक गांव पोंडी पहुंचा. इस दौरान परिजनों ने शहीद का दर्जा मिलने से पहले शव को लेने से इंकार कर दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
CAF कैंप गोली कांड: परिजन बोले- नहीं मिलेगा शहीद का दर्जा, तो नहीं लेंगे शव.

MP CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ के CAF कैंप में जवान के द्वारा की गई फायरिंग में मृत हुए मैहर के सपूत रुपेश पटेल का पार्थिव शरीर गुरुवार की दोपहर पैतृक गांव पोंडी पहुंचा. इस दौरान परिजनों ने शहीद का दर्जा मिलने से पहले शव को लेने से इंकार कर दिया. काफी देर तक एनएच-30 पर जाम लगा रहा. पुलिस और प्रशासन के आश्वासन के बाद किसी प्रकार से जाम तो खुल गया, लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे.

MLA श्रीकांत चतुर्वेदी बोले...

रुपेश पटेल सीएफ की 11वीं बटालियन में सेवाएं दे रहे थे.

सीएएफ जवान के परिजनों के साथ मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी भी रहे. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात थी कि हमारे जिले से रुपेश पटेल सीएफ की 11वीं बटालियन में सेवाएं दे रहे थे. उनकी शहादत हुई है, इससे पूरे मैहर के लोगों को दुख हुआ है. हम सरकार से इस बात के लिए संपर्क कर रहे हैं कि उन्हें शहीद का दर्जा मिले.

Advertisement

अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी

बताया जाता है कि सामरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत भूताही गांव में स्थित सीएएफ के 11वीं बटालियन के कैंप में बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे CAF जवान अजय सिदार ने सर्विस राइफल से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी. इस घटना में जवान रूपेश पटेल और संदीप पांडेय की मौत हो गई थी, जबकि अंबुज शुक्ला और राहुल बघेल नाम के जवान जख्मी हुए थे. घटना के बाद गोलीबारी करने वाले जवान सिदार को पकड़ लिया गया  और उससे पूछताछ की जा रही है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- Invest MP: कोलकाता में CM मोहन यादव, देश-दुनिया के निवेशकों से करेंगे बात, देश का दिल क्यों हैं खास?

Advertisement

शव पहुंचते ही गांव में छाई शोक की लहर

शहीद रुपेश की पार्थिव देह गुरुवार को मैहर के पोंडी गांव पहुंची.इस दौरान सलामी देते हुए जवान.

शहीद रुपेश की पार्थिव देह गुरुवार को मैहर के पोंडी गांव पहुंची, जहां पर शव देकर पूरा परिवार दहाड़ मारकर रोने लगा. वीर सपूत रुपेश कुमार पटेल मूल रुप से मैहर जिले के पोंडी बठिया टोला के रहने वाले थे. उन्होंने सीएएफ की नौकरी वर्ष 2006 में ज्वाइन की थी. उपके पिता रामकृपाल पटेल हैं जो गांव में डॉक्टरी की प्रैक्टिस करते हैं. माता गृहणी हैं, जिनका नाम शीला बाई पटेल है. 2008 में सुलोचना पटेल शादी हुई थी. उनकी दो संतानें भी हैं. 11 साल की बेटी यासना और आठ साल का बेटा यश पटेल है. शहीद जवान की ससुराल मैहर के अजमाइन गांव में है.

ये भी पढ़ें- Chhattisgarh में आगजनी कांड से गरमाई सियासत, पूर्व सीएम बघेल ने सरकार पर साधा निशाना