Shiv Navratri 2025: शिवनवरात्रि पर बाबा महाकाल के शेषनाग दर्शन, महाशिवरात्रि को लेकर खास है तैयारी

Shiv Navratri 2025: इस बार महाशिवरात्रि के दिन अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग में किए गए कार्य और व्रत का फल कई गुना अधिक मिलता है. हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए यह पर्व हर साल शिव भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है.

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Shivratri 2025: महाशिवरात्रि से पहले शिवनवरात्रि के दौरान बाबा महाकाल के दर्शन

Shiv Navratri 2025: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Mandir Ujjain) में धूमधाम से शिव नवरात्रि (Shiv Navratri) पर्व मनाया जा रहा हैं. विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को शिव नवरात्रि पर्व शुरू होने के साथ प्रतिदिन अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है. इसी के चलते पर्व के तीसरे दिन दुल्हा बने बाबा महाकाल (Baba Mahakal) ने शेषनाग स्वरूप में पार्वती माता के साथ दर्शन दिए. अब बाबा महाकाल 6 दिन और अलग अलग स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे. शिव नवरात्रि के तीसरे दिन बुधवार दोपहर परंपरानुसार पुजारियों ने कोटेश्वर महादेव की पूजा की. वहीं बाबा महाकाल का शेषनाग स्वरूप में श्रृंगार किया और मस्तिष्क पर माता पार्वती विराजित की गईं. शिव नवरात्रि के पहले दिन बाबा महाकाल को दूल्हा बनाया गया था, वहीं दूसरे दिन मंगलवार को बाबा का घटाटोप श्रृंगार किया गया था.

शेषनाग स्वरूप श्रृंगार को लेकर पुजारी ने क्या कहा?

महाकाल मंदिर के आकाश पुजारी ने बताया कि शिव पार्वती ने अपने रहने के लिए ॐ पर्वत की रचना की थी. इसलिए शिवजी शेषनाग स्वरूप में दर्शन दिए. वहीं माता पार्वती गिरजा स्वरूप में मस्तिष्क पर विराजित हैं. शिव नवरात्रि में बाबा का 9 दिन तक अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार किया जाता है. तीन दिन श्रृंगार बाद गुरुवार को बाबा का होलकर स्वरूप में श्रृंगार किया जाएगा.

कोटेश्वर महादेव

मान्यता अनुसार कोटितीर्थ कुंड का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसे ब्रह्मांड के सभी जल तीर्थों का संकलन माना जाता है. इसी पवित्र जल से बाबा महाकाल का नित्य जलाभिषेक होता है. इसलिए कोटितीर्थ कुंड के प्रधान देवता कोटेश्वर के पूजन से पर्व की शुरुआत कर प्रतिदिन विशेष पूजा की जाती है.

महाशिवरात्रि पर उज्जैन पर खास कार्यक्रम

उज्जैन में विक्रमोत्सव 2025 का भव्य आयोजन महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 26 फरवरी से प्रारंभ होगा. महाशिवरात्रि के दिन प्रख्यात कलाकार हंसराज रघुवंशी और आनंदम शिवमणि की सांगीतिक प्रस्तुति होगी. वहीं महाशिवरात्रि महापर्व पर ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर में पुणे के भक्त 9 दिनों तक महाराजभोग का चढ़ावा और राजघराना उट्टन अर्पित करेंगे.

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इस साल कब है महा शिवरात्रि? Maha Shivaratri Kab Ki Hai

26 फरवरी 2025 बुधवार को महाशिवरात्रि है. इस दिन शिव पूजा के साथ ही शिव जी कथाएं पढ़ने-सुनने की परंपरा भी है. पूजा करने के साथ ही शिव जी की सीख को भी जीवन में उतार लेंगे तो जीवन की सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं. 60 साल बाद महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, चंद्रमा और शनि का विशेष त्रिग्रही योग बन रहा है. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11.08 मिनट से शुरू होकर समापन अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 8.54 मिनट पर होगा.

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