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'मौत का टीकाकरण'! वैक्सीन लगाने के बाद बिगड़ी 5 नवजात बच्चों की हालत, एक की गई जान

मध्य प्रदेश के सिलवानी (Raisen) में vaccination incident के बाद 5 नवजात शिशुओं की हालत बिगड़ी और एक newborn की मौत हो गई. परिजनों ने health negligence का आरोप लगाते हुए newborn death after vaccine को सीधा जिम्मेदार बताया है.

'मौत का टीकाकरण'! वैक्सीन लगाने के बाद बिगड़ी 5 नवजात बच्चों की हालत, एक की गई जान

Newborn Death After Vaccine: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से एक बेहद चिंता जनक मामला सामने आया है, जिसने ग्रामीणों और परिजनों में डर का माहौल पैदा कर दिया है. दरअसल, सिलवानी विधानसभा के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ग्राम केसली में नवजात शिशुओं को टीके लगाए गए, जिसके कुछ देर बाद ही पांच बच्चों की हालत अचानक बिगड़ गई. इसमें से एक मासूम की कुछ दिन बाद में मौत हो गई. नवजात बच्चों के परिजनों का आरोप है कि ये सब टीकाकरण के बाद ही हुआ. 

इस घटना में टीकाकरण क्यों जिम्मेदार

स्थानीय लोगों के अनुसार, स्वास्थ्य कर्मियों ने 5 से 10 मिनट के भीतर ही नवजात बच्चों को एक के बाद एक चार टीके लगा दिए. टीकाकरण के कुछ ही घंटे बाद बच्चों को तेज बुखार और बेचैनी होने लगी. स्थिति बिगड़ती देख परिजन बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में ले गए, लेकिन चार माह की एक बच्ची की जान नहीं बच सकी. बाकी बच्चों का इलाज अभी भी जारी है.

विधायक ने कहा- कार्रवाई होनी चाहिए

घटना की जानकारी मिलते ही सिलवानी विधायक देवेंद्र पटेल तुरंत केसली गांव पहुंचे. उन्होंने परिजनों से मुलाकात की और मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मौजूद तहसीलदार को तत्काल जांच के आदेश दिए. ग्रामीणों ने विधायक से साफ कहा कि यह साफ-साफ लापरवाही है और इसके जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

स्वास्थ्य विभाग का पक्ष

जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि बच्चों को ‘कोर वैक्सीन' लगाई गई थी और टीके के बाद बुखार आना सामान्य बात है. उनका दावा है कि टीका लगने के तुरंत बाद किसी बच्चे की मौत नहीं हुई, बल्कि दो दिन बाद तबीयत बिगड़ने पर बच्ची को इलाज के लिए ले जाते समय उसकी मौत हुई. विभाग का कहना है कि बाकी सभी बच्चे अभी सुरक्षित हैं और उनका इलाज जारी है.

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लोगों में आक्रोश और सवाल

गांव में इस घटना के बाद डर और नाराजगी दोनों गहराते जा रहे हैं. ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि यदि स्वास्थ्य कर्मी जल्दबाजी में चार-चार टीके एक साथ नहीं लगाते, तो यह हादसा नहीं होता. अब ग्रामीण इस मामले में दोषियों पर NSA समेत सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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