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अब केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही मिलेगी राज्य सेवा कर्मियों को भी छुट्टी, मोहन सरकार का बड़ा फैसला

Mohan Cabinet Decision Today: सभी जिलों में गीता भवन बनाने की भी कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही कहा गया है कि गीता भवन केवल प्रवचन का ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का केंद्र बनेगा.

अब केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही मिलेगी राज्य सेवा कर्मियों को भी छुट्टी, मोहन सरकार का बड़ा फैसला

Mohan Cabinet Meeting Today: मोहन कैबिनेट की सोमवार को हुआ बैठक कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस दौरान मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सिविल सेवा के कर्मचारी-अधिकारी वर्ग के अवकाश संबंधी नियम भारत सरकार के अनुरूप करने पर अपनी सहमति दी. इसमें विशेषकर महिला शासकीय सेवकों के लिए "कमिशनिंग मदर" अवकाश को भी स्वीकृति दी गई. दरअसल, कमिशनिंग का आशय है कि यदि स्वयं मातृत्व न अपनाकर किसी और की गोद से बच्चा लिया गया है, तो उस बच्चे के पालन-पोषण के लिए भी अवकाश दिया जाएगा. यह एक नवीन प्रावधान है.

इसके अलावा, शैक्षणिक स्टाफ को एक वर्ष में 10 दिन अर्जित अवकाश की पात्रता को मंजूरी दे दी गई है. वहीं, संतान ग्रहण के लिए पितृत्व अवकाश 15 के रूप में दिन स्वीकृत किया गया है. एकल पुरुष शासकीय सेवक को भी संतान पालन अवकाश की पात्रता दी जाएगी. यह भी नया प्रावधान है. यदि कोई सिंगल पेरेंट्स हो, तो उसे भी अवकाश मिलेगा. दिव्यांग अथवा गंभीर रूप से अस्वस्थ शासकीय सेवक को अवकाश के लिए आवेदन यदि तत्काल न दे पाए और बाद में दे तो भी उसका आवेदन मान्य किया जाएगा. यह सुधार भारत सरकार की तर्ज पर हमारे प्रदेश में लागू किया गया है और इसका लाभ सभी सिविल सेवकों को मिलेगा.

SC-ST और OBC छात्रों को अब 12 महीने मिलेगा वजीफा

इसके अलावा, कैबिनेट बैठक में SC-ST और OBC छात्रों के हित में भी बड़ा फैसला लिया गया. दरअसल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रदेश सरकार शिक्षावृत्ति देती है. अब से पहले विद्यार्थियों को सामान्यतः: 10 महीने की ही छात्रवृत्ति दी जाती थी और 2 महीने की छुट्टी के कारण कटौती हो जाती थी. इसका लंबे समय से विरोध हो रहा था. छा6ओं की मांग थी कि जब वे हॉस्टल में रहते हैं, तो उन्हें 12 महीने की छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए, क्योंकि बीच-बीच में प्रतियोगी परीक्षाएं होती रहती है. गरीब विद्यार्थी घर में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. लिहाजा, वे हॉस्टल में रहकर ही पढ़ाई करना चाहते हैं. आज की प्रतिनिधि कैबिनेट ने यह स्वीकृति प्रदान की है कि आदिवासी विद्यार्थियों को अब 12 महीने छात्रवृत्ति मिलेगी. इसमें विद्यार्थियों को ₹1650 और बालिकाओं को ₹1700 की स्कालरशिप दी जाती है.

 सभी जिलों में बनाया जाएगा गीता भवन

सभी जिलों में गीता भवन बनाने की भी कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही कहा गया है कि गीता भवन केवल प्रवचन का ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का केंद्र बनेगा. यहां अच्छी लाइब्रेरी, कैफेटेरिया और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए स्थान होगा. सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि नगर निगम या नगर पालिका की जमीन उपलब्ध न हो, तो राजस्व विभाग की जमीन न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराई जाए. यह योजना पांच वर्षों के लिए है और अपेक्षा की गई है कि पांच वर्षों में सभी जिलों में गीता भवन बन जाएं. इसमें सक्षम लोग खुद भी भवन बनवा सकते हैं या पीपीपी मॉडल पर भी बनाए जा सकते हैं.

मुरैना की शुगर फैक्ट्री को किया जाएगा चालू

इसी प्रकार मुरैना की शुगर फैक्ट्री के संबंध में भी निर्णय लिया गया. किसान और जनप्रतिनिधि चाहेंगे कि आधुनिक शुगर मिल स्थापित हो और गन्ने की खेती पुनः बढ़ाई जाए, तो यहां शुगर मिल चलाई जाएगी. आपको बता दें कि मुरैना जिले के कैलारस में बहुत पुरानी शुगर फैक्ट्री है, जो वर्षों से बंद है. मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले मिल मजदूरों के 25–30 साल से रुके भुगतान को दिलाने का कार्य किया था.

भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में होगी एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना

भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना की स्वीकृति आज कैबिनेट ने प्रदान की. दरअसल, एंडोक्राइनोलॉजी के माध्यम से साधारणत: जो बीमारियां होती हैं, उनके लिए अभी तक कोई विशेष केंद्र नहीं था. इस संबंध में रिसर्च सेंटर और विशेषज्ञों की बहुत आवश्यकता थी. वर्तमान में यहां एमबीबीएस पाठ्यक्रम की 250 सीटें उपलब्ध हैं. भारत सरकार की केंद्र प्रवर्तित योजना के अंतर्गत इसमें 134 सीटों की स्वीकृति दी गई है. इसमें कुल 20 पदों की आवश्यकता को स्वीकृत किया गया है, जिनमें सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, जूनियर नर्सिंग ऑफिसर और प्राध्यापक शामिल हैं. इन पदों के सृजन में वार्षिक एक करोड़ रुपये की लागत आएगी. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ये जानकारी देते हुए कहा कि इस विभाग से थायराइड, शुगर आदि पर रिसर्च और सही इलाज संभव होगा. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में आया है कि एशिया में हर छठा व्यक्ति शुगर का मरीज होगा. यह सब हमारी लाइफ स्टाइल का परिणाम है, इसलिए इस पर अनुसंधान और उपचार अत्यंत आवश्यक है.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कटनी में 23 अगस्त को माइनिंग कॉन्क्लेव होगा. इसमें देशभर के खनन क्षेत्र के लोग भाग लेंगे. इसमें स्ट्रैटेजिक और क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष फोकस होगा.

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