BLO ड्यूटी में 'मौत का डर': 10 दिन में 6 की जान गई, परिजन बोले- दबाव है, प्रशासन बोला- बीमार थे

SIR BLO Deaths: मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) अभियान के दौरान सिर्फ 10 दिन में 6 BLOs की मौत हो चुकी है. परिजनों ने इन मौतों का कारण अत्यधिक काम का दबाव बताया है, जबकि प्रशासन इसे नकार रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Voter List Revision:मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) अभियान के दौरान बूथ लेवल अफसरों (BLOs) की लगातार मौतें गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं. राज्य में सिर्फ 10 दिनों के भीतर 6 BLOs की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों अधिकारी हार्ट अटैक,ब्रेन हेमरेज, और अन्य गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं. इन मौतों ने प्रशासनिक कार्यशैली और कर्मचारियों पर काम के बढ़ते दबाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 

3 ज़िले,एक जैसी कहानी: मौतों पर आरोपों की झड़ी

शहडोल,रायसेन के मंडीदीप और बालाघाट जैसे अलग-अलग ज़िलों से आ रही मौतों की कहानियां एक जैसी हैं.परिजनों का सीधा आरोप है कि ज़्यादा काम का दबाव, देर रात तक चलने वाली ड्यूटी,लगातार रिपोर्टिंग का खौफ़ और सस्पेंशन का तनाव इन मौतों का मुख्य कारण है. हालांकि प्रशासन इन आरोपों को पूरी तरह से नकार रहा है. इस पर आगे बात करेंगे पहले पीड़ित परिवारों का पक्ष जान लेते हैं. 

1. शहडोल: परिवार का दर्द

शहडोल के सोहागपुर में 54 वर्षीय शिक्षक मनीराम नापित की अचानक मौत हो गई. उनके बेटे आदित्य नापित ने बताया कि वह एसआईआर (SIR)अभियान में BLO का काम कर रहे थे. उन पर लगातार रिपोर्टिंग का भारी दबाव था. इसी तनाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ दिया. हालांकि शहडोल के कलेक्टर डॉ.केदार सिंह आदित्य के आरोपों को नकारते हैं. उनका कहना है कि शिक्षक घर पर अस्वस्थ हुए और वे पहले से बीमार थे. उन्होंने बताया कि काम अच्छा चल रहा था. आशंका है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई होगी.  

2. बालाघाट: मानसिक तनाव से मौत का आरोप

बालाघाट जिले में BLO ड्यूटी कर रहीं 50 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनीता नागेश्वर की मौत हो गई. बेटी ने भावुक होकर आरोप लगाया कि एसआईआर के काम से उपजे मानसिक तनाव के कारण ही उनकी मां की मौत हुई. इस मामले में इलाके के परियोजना अधिकारी सोनू शिवहरे ने अप्रत्यक्ष रूप से काम के बोझ को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें 'रेस्ट नहीं मिल पा रहा था', हालांकि वे मेहनती और ईमानदार थीं.

Advertisement

3. मंडीदीप: मीटिंग के बाद बिगड़ी तबीयत

रायसेन के मंडीदीप में 20 नवंबर की रात शिक्षक रमाकांत पांडे की हार्ट अटैक से मौत हो गई. बेटे अमित पांडे के अनुसार वे लगातार 5-6 दिनों से सोए नहीं थे और BLO की ऑनलाइन मीटिंग खत्म होने के कुछ ही मिनटों बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वे गिर पड़े. परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें 'बहुत प्रेशर' में काम करना पड़ रहा था.

कर्मचारी संघ की मांग और जमीनी हकीकत

मध्य प्रदेश में 5.74 करोड़ वोटर हैं, जिनकी जिम्मेदारी 65,014 BLOs के कंधों पर है. कर्मचारी संघ ने इन मौतों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹15 लाख का मुआवज़ा देने की मांग की है. तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने इस संबंध में जल्द कार्रवाई की मांग की है. 

Advertisement

ड्यूटी का तथ्य vs. मानवीय दर्द

इन घटनाओं पर पीड़ितों का अपना पक्ष है लेकिन कुछ तथ्यों पर भी ध्यान देना जरुरी बन जाता है. एसआईआर एक महीने का अभियान है और औसतन एक BLO को प्रतिदिन 8-9 परिवारों से मिलना होता है, जो सामान्य ड्यूटी के दायरे में आता है. हालांकि मध्य प्रदेश में BLOs की मौतों ने एक गंभीर मानवीय दर्द पैदा कर दिया है.परिजनों का आरोप है कि लगातार निर्देश, सर्वर की दिक्कतें, और प्रशासन की तरफ से मिलने वाले मानसिक दबाव ने स्थिति को मुश्किल बना दिया है. इन सबके बीच तथ्य और मानवीय संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाना प्रशासन के लिए बेहद ज़रूरी है ताकि 65,014 BLOs के भरोसे को टूटने से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: IAS Santosh Verma Remark: ब्राह्मणों की बेटी... वाले बयान पर बवाल जारी, IAS संतोष वर्मा के पुतले जलाए

Advertisement