नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ MP का हुआ करार, CM मोहन यादव ने कहा इस क्षेत्र में बढ़े दुग्ध उत्पादन

Agreement For Milk Production: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में दुग्ध उत्पादन की बढ़ोतरी के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ करार किया है. इसका उद्देश्य प्रदेश में डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देना है.

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CM मोहन यादव की मौजूदगी में यह करार हुआ.

Milk Production in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की मौजूदगी में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह (Meenesh Shah) और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मध्य एनडीडीबी के साथ परामर्श और सहयोग के उद्देश्य से एक त्रिपक्षीय करारनामे पर हस्ताक्षर किए गए. मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन (Milk Production), दुग्ध एकत्रीकरण और सांची दुग्ध संघ की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पश्चिमी अंचल में दुग्ध उत्पादन भरपूर है. इसके मुकाबले सघन वन वाले पूर्व क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन के प्रयासों को बढ़ाया जाना चाहिए.

किसानों और पशुपालकों के आर्थिक उन्नति में फोकस

मुख्यमंत्री डॉ यादव कहा कि प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के जिलों में रहने वाले जनजातीय समाज ने वर्षों से पशुपालन और दुग्ध उत्पादन किया है. इसमें बढ़ोतरी ना होना चिंता और अध्ययन का विषय है. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड प्रदेश में दुग्ध उत्पादन, पशुधन सुधार, चारा क्षेत्र को बढ़ाने और दुग्ध व्यवसाय से लोगों को आर्थिक उन्नति कर उनकी जिंदगी बदलने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग और मार्गदर्शन करे.

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सीएम यादव ने मीनेश शाह से मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर विभिन्न उपायों से किसानों और पशुपालकों के आर्थिक उन्नति के माध्यम से उनकी जिंदगी बदलने के संबंध में विस्तार से चर्चा की. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि बोर्ड के सहयोग और मार्गदर्शन से इस क्षेत्र में निश्चित ही महत्वपूर्ण कार्य होंगे.

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करारनामा की प्रमुख विशेषताएं

  • मध्यप्रदेश में डेयरी सहकारी समितियां के गठन के माध्यम से सहकारी कवरेज का विस्तार होगा. कृषक प्रशिक्षण और सहकारी डेयरी कवरेज में वृद्धि के लिए सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत किसान उत्पादक संगठन, स्व सहायता समूह और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को शामिल करने के लिए सहयोग प्राप्त किया जाएगा.
  • दूध के संकलन, परिवहन और प्रसंस्करण के विभिन्न चरणों में गुणवत्ता सुधार के उपाय लागू होंगे.
  • मौजूदा बुनियादी ढांचे के श्रेष्ठ उपयोग, संयंत्र प्रौद्योगिकी उन्नयन और एंड टू एंड डिजिटलीकरण पर ध्यान दिया जाएगा.
  • भारत के अन्य राज्यों में विपणन और विदेशों में निर्यात के लिए नीतिगत सुझाव प्राप्त किए जाएंगे.
  • दूध और दूध के उत्पादों की बाजार में विपणन गतिविधियों को भी मजबूत बनाया जाएगा.
  • मानव संसाधन की पदस्थापना और क्षमता निर्माण के प्रयास होंगे.
  • डेयरी सहकारी समितियां के लिए चुनाव प्रक्रिया में श्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाया जाएगा.
  • ग्वालियर और जबलपुर दुग्ध संघ के पुनरुत्थान के प्रयास होंगे. शहडोल और रीवा संभाग के लिए नए दुग्ध संघ की स्थापना का भी सुझाव है.
  • सहकारी डेयरी क्षेत्र विकास के लिए वित्तीय सहायता और अन्य दायित्वों के लिए भारत सरकार के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा.
  • अंतर विभागीय समन्वय भी बढ़ाया जाएगा.
  • राज्य और केंद्र सरकार के तालमेल से डेयरी सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादकों को पशु नस्ल सुधार और आय विविधीकरण जैसी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके लिए लोन और सब्सिडी भी दी जाएगी.

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