Bhopal News : चलती ट्रेन में गूंजी किलकारी, महिला के लिए भगवान साबित हुए भोपाल के ये डॉक्टर

MP News: यूं ही नहीं कहते कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं. भोपाल (Bhopal) के एक डॉक्टर ने चलती ट्रेन में प्रसूता का सुरक्षित प्रसव कराकर मानवता की एक बड़ी मिसाल पेश की है. इसके लिए डॉक्टर की जमकर तारीफ़ भी हो रही है.

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डॉक्टर ने ट्रेन में बचाई जान

Bhopal News: मुंबई मेल में प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला के लिए भोपाल के डॉक्टर शैलेश लुनावत मसीहा बन गए. उन्होंने चलती ट्रेन में सुरक्षित डिलीवरी कराई. बच्चा- जच्चा दोनों स्वस्थ हैं. यह मामला मैहर स्टेशन के पास का है. बताया जा रहा है डिलीवरी के बाद प्रसूता को मैहर के अस्पताल भेजा गया है. इस पूरे मामले में रेलवे से मदद नहीं मिलने पर प्रसूता और उनके परिजनों को परेशान होना पड़ा. इस पूरे मामले में बड़ी बात ये भी है कि मदद करने वाले डॉक्टर के साथ टीटी विवाद पर उतारू हो गया था.

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक़ मुंबई मेल की 3rd ac में सवार गर्भवती महिला निकहत परवीन को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. वह दर्द से तड़प रही थी. परिजन परेशान हो रहे थे. इस कोच में यात्रा कर रहे भोपाल के कंसल्टेंट रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शैलेश लुनावत को जब यह पता चला तो वे तुरंत ही मदद के लिए आगे आ गए. उन्होंने चलती ट्रेन में ही महिला प्रसव कराया. महिला का सुरक्षित प्रसव होने के बाद परिजनों ने उन्हें धन्यवाद दिया. 

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36 हफ्ते की गर्भवती थी महिला 

बताया जा रहा है कि महिला 36 हफ्ते की गर्भवती थी. प्रसूता का पति मुंबई में काम करता है. डॉक्टर ने 7 जनवरी को डिलीवरी का समय दिया था. इसी के चलते वह  पत्नी को लेकर अपने घर झारखंड जा रहा था. मुंबई मेल से आधा सफर तय किया था तभी अचानक दर्द शुरू हो गया. भोपाल के कंसल्टेंट रेडियोलॉजिस्ट (Radiologist) डॉक्टर शैलेष लुनावत इसी ट्रेन में सवार होकर भोपाल से पार्शनाथ जा रहे थे. उन्हें जब महिला के प्रसव पीड़ा का पता चला तो अपने पास रखे कुछ जरूरी सामान  सिजर, सैनेटाइजर, कॉटन लेकर महिला की डिलीवरी कराई. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए महिला को मैहर स्टेशन पर उतार दिया गया.

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विवाद पर उतारू हो गए टीटी

महिला और बच्चे की जान बचाने वाले डॉक्टर ने रेलवे के कर्मचारी पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. डॉक्टर ने कहा कि  महिला का प्रसव कराने के बाद  टीटी पहुंचा और मुझसे बहस करने लगा. उसने कहा कि महिला का प्रसव कराने के लिए कंबल और चादर क्यों ले ली, इसके पैसे मेरी सैलेरी के कटेंगे. यह कहकर बहस पर उतारू हो गया. मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि यह मानवता का काम है. इसके लिए हमें मदद करनी चाहिए. लेकिन वो नहीं मानें. ईश्वर की कृपा से प्रसूता और बच्चे की जान बच गई. लेकिन टीटी का यह व्यवहार किसी को भी अच्छा नहीं लगा. 

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