Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर जिले के करैया गांव में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब स्कूल की छुट्टी होने के बाद अचानक 14 बच्चों की हालत बिगड़ने लगी. रतनजोत के बीज खाने से बच्चों को तेज उल्टियां होने लगीं, लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया.
जैसीनगर जनपद के करैया गांव में छुट्टी के बाद कुछ बच्चों ने रतनजोत के बीज खा लिए. थोड़ी ही देर में उन्हें लगातार उल्टियां होने लगीं और कमजोरी महसूस होने लगी. यह देखकर गांव में मौजूद पटवारी रामकृष्ण आठिया ने तुरंत एसडीएम को सूचना दी.
एसडीएम टीम के साथ मौके पर पहुंचे
सौभाग्य से एसडीएम रोहित वर्मा उस समय गांव में एसआईआर सर्वे निरीक्षण के लिए मौजूद थे. जानकारी मिलते ही वे जनपद पंचायत सीईओ श्रीराम सोनी और एसडीओ सचिन दुबे के साथ तुरंत गांव पहुंचे. बिना किसी देरी के सभी बीमार बच्चों को अपने वाहनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसीनगर ले जाया गया.
अस्पताल में पहले से तैयार थी व्यवस्था
एसडीएम ने रास्ते में ही बीएमओ डॉ. एल.एन. शाक्य को पूरी स्थिति बता दी थी. इसी वजह से अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज की पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी. बच्चों के पहुंचते ही उपचार तुरंत शुरू कर दिया गया.
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10 बच्चों को सागर रेफर किया
14 में से 10 बच्चों को ज्यादा उल्टियां और कमजोरी की वजह से एहतियातन सागर जिला अस्पताल भेजा गया. वहीं 4 बच्चों का इलाज जैसीनगर स्वास्थ्य केंद्र में ही चल रहा है. डॉक्टरों के अनुसार सभी बच्चे फिलहाल नियंत्रण में हैं. घटना की खबर मिलते ही बीआरसीसी जे.एस. अहिरवार और कई शिक्षक अस्पताल पहुंच गए. बच्चों की देखभाल के लिए शिक्षकों की एक टीम वहीं रुक गई है और लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
बीएमओ ने कहा- नियंत्रण में स्थिति
बीएमओ डॉ. एल.एन. शाक्य ने बताया कि बच्चों ने रतनजोत के बीज खाए थे, जिससे उन्हें उल्टियां हुईं. समय रहते इलाज मिल जाने से बड़ी समस्या नहीं हुई. 10 बच्चों को सागर रेफर किया गया है, जबकि 4 का इलाज जैसीनगर में जारी है. सभी बच्चे अब नियंत्रण में हैं.
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बीमार बच्चों की लिस्ट
- साक्षी अहिरवार (09)
- प्रतिमा लोधी (09)
- आयुष अहिरवार (10)
- दक्ष अहिरवार (10)
- गजेन्द्र लोधी (11)
- पूनम अहिरवार (07)
- लक्ष्मण सौर (08)
- राजकिशोर सौर (08)
- मोहित लोधी (11)
- पूर्वी पटेल (08)
- जिज्ञासा अहिरवार (09)
- आराध्या (08)
- प्रहलाद दांगी (14)
ग्रामीणों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की
गांव के लोगों ने प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षकों की तेजी की खुलकर तारीफ की. ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर कदम न उठाए जाते, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी.