MP Paddy Wheat Procurement Crisis: मध्य प्रदेश में धान और गेहूं की खरीदी को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. सरकार के इस ऐलान के बाद कि अब राज्य में धान और गेहूं की खरीदी नहीं की जाएगी, कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है. वहीं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने चेतावनी दी कि अगर तुरंत खरीदी शुरू नहीं की गई, तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी.
उमंग सिंघार का सरकार पर हमला
उमंग सिंघार ने कहा कि जब-जब फसलों की खरीदी का समय आता है, राज्य सरकार जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर मामला केंद्र सरकार पर डाल देती है. उन्होंने कहा कि इन्हीं किसानों ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई थी, लेकिन अब वही किसान परेशान हैं. आपने चुनाव के दौरान वादा किया था कि ₹2700 प्रति क्विंटल में गेहूं और ₹3100 में धान खरीदा जाएगा, लेकिन दो साल बीत गए, किसानों को अभी तक वाजिब दाम नहीं मिले.
कर्ज का बहाना बनाकर सरकार बच रही
सिंघार ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब करोड़ों रुपए के कार्यक्रम और आयोजनों की बात आती है, तब कर्ज याद नहीं आता. लेकिन जैसे ही किसानों को राहत देने की बारी आती है, सरकार को कर्ज और खाली खजाने की चिंता सताने लगती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किसानों के दर्द को समझना चाहिए, न कि उनसे मुंह मोड़ना चाहिए.
ये भी पढ़ें- Women's World Cup 2025: बाबा महाकाल के आशीर्वाद से जीती इंडिया! जानें ऐतिहासिक जीत के पीछे जुड़ी आस्था की कहानी
कांग्रेस करेगी बड़ा प्रदर्शन
धान और गेहूं की खरीदी के मुद्दे पर कांग्रेस अब सड़क पर उतरने की तैयारी में है. पार्टी ने घोषणा की है कि 6 नवंबर को सीधी जिले में बड़ा धरना प्रदर्शन किया जाएगा. पूर्व मंत्री और सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल ने कहा कि किसानों की बदहाल स्थिति, प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुई भारी क्षति और सरकार की लापरवाही ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर खरीदी जल्द शुरू नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा.
किसान मुद्दों पर बढ़ेगा टकराव
धान और गेहूं की खरीदी पर उठे इस विवाद ने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. जहां कांग्रेस सरकार को किसानों का विरोधी बता रही है, वहीं सरकार का कहना है कि आर्थिक स्थिति के चलते फिलहाल खरीदी संभव नहीं है. आने वाले दिनों में यह मुद्दा मध्यप्रदेश की सियासत का केंद्र बन सकता है.
ये भी पढ़ें- Women's World Cup: भाई कंडक्टर,पिता की छूटी नौकरी... लेकिन क्रांति नहीं रुकी!बन गई वर्ल्ड चैंपियन