MP News: जब बड़े अधिकारियों के पद हैं इतनी बड़ी संख्या में खाली, तो कैसे आगे बढ़ेगी प्रदेश में विकास की गाड़ी

madhya pradesh news: उन्होंने कहा कि रिपोर्ट्स बता रही हैं कि अरसे से खाली पदों पर भर्ती के बारे में सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. नतीजे में रिटायरमेंट के चलते पद निरंतर खाली हो रहे हैं. वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में डिप्टी सेक्रेटरी पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य वन सेवा के अफसरों की सेवाएं ली गई हैं.

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Breaking News: मध्य प्रदेश में है अफसरों का टोटा

Lok Sabha 2024: शनिवार को लोकसभा के चुनावों (Lok Sabha Election) की घोषणा हो गई है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चार चरणों में वोटिंग होगी. मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) ने इसके बाद सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि क्या वल्लभ भवन (Vallabh Bhawan) में मंत्रालय कैडर के महत्वपूर्ण अफसरों का टोटा हो गया है? क्या इसका असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है? क्या सरकारी योजनाओं से जुड़े काम भी प्रभावित हो रहे हैं? क्या रोजाना 50-60% काम पेंडिंग रह जाता है?

जीतू पटवारी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आए ऐसे सवाल बता रहे हैं कि मंत्रालय कैडर के एडिशनल सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी, सेक्शन ऑफिसर्स जैसे महत्वपूर्ण पद औसत तौर पर 50% खाली हैं? महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं लंबित हो रही हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह बेपरवाह बनी हुई है.

आगे यह कहा जीतू पटवारी ने...

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट्स बता रही हैं कि अरसे से खाली पदों पर भर्ती के बारे में सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. नतीजे में रिटायरमेंट के चलते पद निरंतर खाली हो रहे हैं. वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में डिप्टी सेक्रेटरी पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य वन सेवा के अफसरों की सेवाएं ली गई हैं.

उन्होंने प्रदेश के सीएम को टैग करते हुए कहा कि एडिशनल सेक्रेटरी के 3 पद मंजूर हैं लेकिन तीनों ही खाली हैं. डिप्टी सेक्रेटरी के सभी 14 पद और सेक्शन ऑफिसर्स के 143 में से 109 पद खाली हैं. सहायक ग्रेड-2 के 335 में से 108 ग्रेड-3 के 602 में से 139 पद खाली हैं. कैडर की 14 श्रेणी के स्वीकृत कुल 2539 में से 1175 पद खाली हैं. अधिकारियों/कर्मचारियों के तय कामकाज के हिसाब से रोजाना औसतन 600 फाइलों का काम निपटाना होता है.

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आखिर कैसे होगा काम...

पद खाली होने से रोजाना करीब 300 फाइलें भी नहीं निपट पातीं. इस तरह पेंडेंसी 50% हो जाती है. यदि यह सच है तो समझा जा सकता है कि शासन कैसे संचालित हो रहा है? मैं बहुत खेद के साथ यह कहना चाहता हूं कि इस तरह से तो "सरकार" नहीं केवल "सर्कस" ही चल सकता है, लेकिन यह सर्कस सिर्फ संकट ही बढ़ाएगा. पटवारी ने कहा कि उचित तो यही होगा कि प्राथमिकता से सभी रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां की जाएं, ताकि रोजमर्रा के सभी सरकारी कामकाज समय से पूरे हो सकें.

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