खंडवा में 11 साल से बन रहा एक स्विमिंग पूल, करोड़ों रुपए खर्च फिर भी बना खंडहर

Khandwa News: नगर निगम आयुक्त ने भी माना है कि स्विमिंग पूल काफी लंबे समय से निर्माणाधीन है. हालांकि उनका कहना है कि काम अलग-अलग लेवल पर हो रहा है. हमारी तरफ से प्रयास है कि जल्द से जल्द यह बनकर तैयार हो जाए.

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स्विमिंग पूल बना खंडहर

Madhya Pradesh News मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) में जनप्रतिनिधियों ने विकास के बड़े बड़े दावे किए हैं, लेकिन उनके दावे हकीकत से कोसों दूर नजर आ रहे हैं. पिछले 11 सालों से खंडवा में एक स्विमिंग पूल बन रहा है, जिसका काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इस स्विमिंग पूल का सपना तत्कालीन कलेक्टर कविंद्र कियावत ने खंडवा की जनता को दिखाया था. खंडवा के लोगों ने भी पैसा जमा करके इस सपने को पूरा करने के लिए अपनी तरफ से कोशिश की लेकिन वही स्विमिंग पूल अब खंडहर बन गया है.

जनता की उम्मीद पर फिरा पानी

खंडवा के लोगों को उम्मीद थी कि इस स्विमिंग पूल के बनने के बाद यहां के लोगों को काफी फायदा होगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. लोगों को उम्मीद थी कि इस स्विमिंग पूल में नए बच्चे तैयारी सीखेंगे और देश-विदेश में नाम रौशन करेंगे लेकिन सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण ऐसा नहीं हो पाया. बताया जा रहा है कि इस स्विमिंग पूल में अब तक लगभग 7 करोड़ रुपए की लागत आ चुकी है लेकिन इसका काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है. 

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अधिकारियों ने इस पर क्या कहा...

इधर नगर निगम आयुक्त ने भी माना है कि स्विमिंग पूल काफी लंबे समय से निर्माणाधीन है. हालांकि उनका कहना है कि काम अलग-अलग लेवल पर हो रहा है. हमारी तरफ से प्रयास है कि जल्द से जल्द यह बनकर तैयार हो जाए. टाइल्स और फिल्टर प्लांट का काम लगभग हो चुका है. इस पूरे काम में पॉलिटेक्निक के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का भी सहयोग लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के काम के लिए 4 करोड़ 56 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं. अभी एक करोड़ रुपए और मंजूर किया गया है, जिसमें बाउंड्री वॉल और अन्य काम होने हैं.

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नगर निगम महापौर ने भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारा

भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए नगर निगम महापौर ने कहा कि स्विमिंग पूल का काम रुका हुआ नहीं है, बल्कि चल रहा है. हालांकि वे मानती हैं कि इसमें लंबा समय लग गया है क्योंकि नए काम को करने में इतना समय नहीं लगता, लेकिन पुराने काम को व्यवस्थित करने में समय लग जाता है. इस वजह से उसकी लागत भी बढ़ गई है और इसमें इसी वजह से समय भी लग रहा है. हालांकि वह उम्मीद जता रहे हैं कि एक-दो महीने में इसे कंप्लीट कर लिया जाएगा. 

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