Debt on Madhye Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने एक बार फिर से 6 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. कर्ज की ये राशि 2 हज़ार करोड़ की तीन किश्तों में सरकार को मिलेगी. इसके साथ ही एक वर्ष में राज्य सरकार की ओर से लिए गए कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 17 हजार करोड़ पर पहुंच गया है. वहीं, इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने करीब 47 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया है. मार्च 2024 तक मध्य प्रदेश सरकार पर कुल 3.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. इसके बाद लगातार कर्ज लेने से यह आंकड़ा 4 लाख को पार कर चुका है.
खास बात ये है कि सरकार ने 15 दिन में दूसरी बार 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. इससे पहले राज्य में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट से पहले 18 फरवरी को भी छह हजार करोड़ का कर्ज लिया था. सरकार की ओर से कहा गया है कि विकास कार्यों को गति देने और परियोजनाओं आगे बढ़ाने के लिए ये कर्ज लेना जरूरी था.
MP Cabinet Decisions: CM Mohan Yadav
Photo Credit: Ajay Kumar Patel
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कांग्रेस ने साधा निशाना
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से लगातार कर्ज लेने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ताजा कर्ज पर कहा है कि सरकार कर्ज लेकर विकास करने का दावा कर रही है, लेकिन सिर्फ कर्ज का विकास किया जा रहा है. एक तरफ प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. दूसरी ओर सरकार कर्ज का सिर्फ ब्याज के रूप में भारी रकम अदा कर रही है. अगर यही स्थिति रही, तो मध्य प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर नहीं आ पाएगा. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सरकारी उपक्रम से MOU साइन करवा लिया, लेकिन प्राइवेट सेक्टर का रुझान बहुत कम देखने को मिला. लिहाजा, अपनी नीतियों पर सरकार को फिर से सोचने की जरूरत है.