Shivpuri में बारिश और ओले ने की 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की फसल चौपट, खेत में बैठकर रोते नजर आए किसान

Shivpuri Farmers: मौसम की मार से पूरे प्रदेश के किसान परेशान हैं. शिवपुरी में बारिश और ओलावृष्टि के बाद दो किसान भाई अपने खेत में बैठकर रोते हुए नजर आए.

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शिवपुरी के किसानों का हाल है बेहाल

Shivpuri News: बीते तीन दिनों से बदले हुए मौसम के बाद बारिश और ओलावृष्टि ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों (Farmers) पर जो कहर बरपाया है, उसका दर्द सिर्फ वही जानते हैं. शिवपुरी (Shivpuri) में सरसों की खड़ी फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. जिसके बाद किसान सरकार से मुआवजे और सर्वे करने की बात कर रहे हैं. प्रदेश के कई जगहों पर किसान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर भी उतरे हैं. वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग ने अभी भी कई जगहों पर येलो अलर्ट (Yellow Alert in Madhya Pradesh) जारी करते हुए अगले दो दिनों तक बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना जताई है.

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शिवपुरी शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर राजश्री गांव के किसान मौसम की मार से बुरी तरह परेशान हैं. अपनी फसल के बर्बाद हो जाने के बाद किसान माथे पर हाथ रखकर रोते बिलखते हुए नजर आ रहे हैं. इसी तरह का हाल शिवपुरी के एक किसान का है, जो अपने भाई के साथ खेत में बैठकर रो रहा है. उस किसान का नाम भरोसी है और इसके भाई का नाम दोसा जाटव है. मौसम की मार ने किसान के गेहूं की फसल को खराब कर दिया. किसान ने बताया कि अब उसके घर में खाने के लिए एक दाना तक नहीं है.

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कहां कितना नुकसान

शिवपुरी जिले की अगर बात करें तो ओलावृष्टि और बेमौसम हो रही बारिश ने बीते तीन दिनों में खेतों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा नुकसान करेरा तहसील के किसानों को पहुंचा है, वहीं कोलारस तहसील के अंतर्गत आने वाले बहुत सारे गांव ऐसे हैं जिन गांवों में किसानों को ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा कई ऐसे गांव भी हैं जहां ओलों ने कहर बरसा कर इलाके के किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया.

कब होगा सर्वे और कब मिलेगा मुआवजा

बर्बाद हो गए किसान अपनी फसलों की बर्बादी पर मातम मना रहे हैं. इतना ही नहीं, अब तो किसानों का गुस्सा भी फूट गया है और सड़कों पर उतरकर वह जाम लगाने लगे हैं. यही वजह है कि आसपास के किसानों ने सड़कों को रोक कर सरकार के कान खड़े करने की कोशिश में अपने हक के मुआवजे की मांग की है. लेकिन, यह मुआवजा सरकार कब देगी, ये कोई नहीं जानता.

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2000 से 3000 एकड़ की फसल बर्बादी की सूचना

छोटे-बड़े नुकसान को मिलाकर शिवपुरी जिले के करीबन दो हजार से तीन हजार हेक्टेयर के खेत ऐसे हैं, जहां फसलें खड़ी थी और ओलावृष्टि ने नुकसान पहुंचाया है. हालांकि सही आंकड़ा तो सर्वे हो जाने के बाद ही सामने आएगा. लेकिन, एक अनुमान के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह आंकड़ा लगभग तीन हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा का हो सकता है.

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