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This Article is From Jul 18, 2023

आदिवासी जनजातियों का केंद्र है जिला डिंडौरी, अलग अलग संस्कृति से बनती है पहचान

डिंडौरी मैकाल पर्वत माला क्षेत्र में पड़ता है और इस जिले का गठन 25 मई 1998 को किया गया था। इस क्षेत्र में आदिवासी जनजातियों की बहुतायत है। 

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आदिवासी जनजातियों का केंद्र है जिला डिंडौरी, अलग अलग संस्कृति से बनती है पहचान

मध्य प्रदेश राज्य के पूर्वी हिस्से में बसा है एक छोटा सा जिला डिंडौरी। यह जिला पूर्व में शहडोल, पश्चिम में मंडला, उत्तर में उमरिया, और दक्षिण में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के जिले बिलासपुर की सीमा से सटा हुआ है। यह जिला मैकाल पर्वत माला क्षेत्र में पड़ता है। इस जिले का गठन 25 मई 1998 को किया गया था। इस क्षेत्र में आदिवासी जनजातियों की बहुतायत है। 

जिले का इतिहास 

साल 1998 से पहले डिंडौरी जिला मंडला के अधीन आता था। इसका मूल नाम रामगढ़ था। यहां समय समय पर मौर्य वंश, शुंग वंश, चालुक्या और चेदी शासकों का राज रहा है। हैहयवंश ने भी कई सालों तक गढ़-मंडला पर राज किया था। 1835 तक सिवनी जिले के अंतर्गत मंडला एक तहसील थी। 1851 में मंडला को जिले का दर्जा दिया गया। मंडला को 1857 के विद्रोह के प्रमुख केंद्रों में से एक माना जाता है। अंग्रेजों से युद्ध के समय यहां कि रानी अंवतीबाई की मृत्यु हो गई और इससे मंडला में अंगेजों के विरूद्ध विद्रोह को दबा दिया गया। तत्कालीन रामगढ़ का क्षेत्र कहे जाने वाले सोहागपुर को रानी की मृत्यु के बाद रीवा के राजा को सौंप दिया गया। 

औद्योगिक विकास एवं संस्कृति

ज्यादातर इलाकों में आदिवासी बसे होने के कारण डिंडौरी आर्थिक या औद्योगिक रूप से ज्यादा समृद्ध नहीं है। साल 2006  में डिंडौरी को पंचायती राज मंत्रालय की ओर से देश के 250 सबसे ज्यादा पिछड़े हुए जिलों में शामिल किया गया था। इसके अलावा डिंडौरी मध्य प्रदेश के उन 24 जिलों में से एक है जो सरकार द्वारा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम का लाभ उठा रहे हैं। चूंकि यहां अलग-अलग जनजातियां निवास करती है इसलिए यहां कई प्रकार की संस्कृति देखी जा सकती है। जिले में कई प्रकार के लोकनृत्य और लोकगीत गाए और प्रस्तुत किए जाते हैं। 

पर्यटन स्थल और मुख्य आकर्षण

डिंडौरी में घूमने के लिए कई जगहें हैं। जैसे कारोपानी प्राकृतिक हिरण उद्यान, राष्ट्रीय अवशेष उद्यान घुघवा,देवनाला और डागोना वाटरफॉल सहित कई जगहें ऐसी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। चारों ओर जंगलो और प्राकृतिक खूबसूरती से घिरे होने की वजह से यह घूमने के लिए एक उचित जगह कही जा सकती है। 

डिंडौरी एक नजर में

  • जिला मुख्यालय -डिंडौरी
  • क्षेत्रफल -6128वर्ग किमी
  • जनसंख्या - 704,524
  • जनसंख्या घनत्व -94/वर्ग किमी    
  • लिंगानुपात -     1002/1000
  • साक्षरता -84.65%
  • तहसील -3
  • संभाग -जबलपुर
  • विधानसभा क्षेत्र -2
  • लोकसभा क्षेत्र-1
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