MP Cooperative Bank Recruitment: केन्द्रीय सहकारी बैंक छतरपुर (Chhatarpur) में सहायक समिति प्रबंधक से पदोन्नत किए गए 37 समिति प्रबंधकों की नियुक्त निरस्त होने के बाद अब उससे जुड़े लोगों को गुरुवार को रजिस्ट्रार ने निलंबित कर दिया. दरअसल, इस मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए रजिस्ट्रार ने एक जांच कमेटी गठित की थी, जिसमें चार लोग नियुक्त किए गए थे. इसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा (District Cooperative Central Bank Vidisha) के सीईओ विनय प्रताप सिंह (Vinay Pratap Singh), संयुक्त आयुक्त सहकारिता सागर शिवेन्द्र देव पाण्डेय, अंकेक्षण अधिकारी आरएस गुप्ता, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक जेपी पिपरसानिया इन चार लोगों की कमेटी ने यह नियुक्तियां सेवा नियम के विपरीत बताई थीं.
इन्हें किया गया निलंबित
जांच कमेटी ने अपनी जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें तत्कालीन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ रामविशाल पटैरिया चन्द्रशेखर अवस्थी और संतोष पांडे को दोषी बताया गया है. इसके बाद इन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर कर्ज माफी घोटाले में ईशानगर ब्रांच के शाखा प्रबंधक विवेक भारती और उनके अधीनस्थ दो बाबुओं को भी निलंबित किया गया है. ईशानगर ब्रांच के सभी कर्मचारियों को हटाकर नए लोगों को नियुक्त किया गया है.
ये थे आरोप
दरअसल, इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक में 37 अपात्र सहायक समिति प्रबंधकों को पदोन्नति दी थी. इस पूरे खेल में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई थी. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इसमें भारी लेनदेन किया गया था. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष करुणेन्द्र प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष जय कृष्ण चौबे को भी इसमें दोषी पाया गया है. हालांकि, इन दोनों के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कुल मिलाकर केन्द्रीय सहकारी घोटाले की पोल खुल रही है. अब देखना यह है कि कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. बैंक में हुई नियुक्तियों का मामला तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने नियुक्तियां रद्द कर दी थीं. वहीं, अब सहकारी बैंक के इन अधिकारियों के निलंबन होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है.
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दूसरी ओर कर्जमाफी के मामले में भी कई समिति प्रबंधक जेल की सलाखों में पहुंच सकते हैं. अभी जांच चल रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार में किसानों के नाम पर लूट करने वाले इन समिति प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने की संभावना है. हालांकि, अभी तक किसी भी समिति प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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