आगर मालवा: जिले की सौगात देकर CM शिवराज बस गए दिलों में, मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे किए ये वादे 

इलाके की जनता चौहान के किए गए विकास कार्यों की खुले मन से प्रशंसा करती है. राजस्थान की सीमा से यह लगा हुआ यह जिला आर्थिक पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था लेकिन जिला बनने के बाद दस सालों में निरंतर प्रगति ने इलाके में नए आयाम स्थापित किए है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के ठीक पहले चौहान ने आगर शहर के छावनी इलाके में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक की सौगात भी दे डाली.

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आगर मालवा: जिले की सौगात देकर CM शिवराज बस गए दिलों में, मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे किए ये वादे

Madhya Pradesh Agar Malwa: शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने मुख्यमंत्री रहते हुए 91वें जिले के रूप में आगर मालवा की सौगात दी थी. आगर, बड़ोद, सुसनेर, नलखेड़ा तहसीले लंबे समय तक शाजापुर जिले का हिस्सा रही. यह इलाका लंबे समय तक आर्थिक रूप से पिछड़ा रहा. भौगोलिक लिहाज से असुविधाजनक और राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी के चलते इलाके का विकास उस गति से नहीं हो पाया. आगर वासियों की तरफ से दशाब्दियों पहले से इन चार तहसीलों को मिलाकर नया जिला बनाने की मांग लगातार उठती रही. प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने आवश्यकता के इस मर्म को समझा. उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान आगर को नया जिला बनाने का वादा किया. जिसे पूरा करते हुए 16 अगस्त 2013 को इलाके की चार तहसीलों को मिलाकर आगर मालवा जिले का गठन कर दिया. 

कुछ इस तरह बदला आगार-मालवा ज़िले का हाल! 

जिला तो बन चुका था, अब सवाल उठा विकास का... सो शिवराज सिंह ने विकास को लेकर भी चिंता पाली. कलेक्टोरेट भवन से लेकर तमाम सरकारी विभागों के अफसर और अधिकारी-कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण करवाया. इसके अंतर्गत सैकड़ो-करोड़ रुपए लगाए. जनसुविधा के लिहाज से जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर के बेहतर भवनों का निर्माण हुआ. उज्जैन से झालावाड़ के बीच टू लेन मेगा हाईवे बनाने के लिए वृहद कुंडालिया डैम बनवाया गया. सिंचाई के लिए पहली माइक्रो इरीगेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बांध बनवाया गया. सुसनेर के सालरिया गांव में देश का पहला गौ अभ्यारण्य बनवाया गया. साथ ही जन आस्था से जुड़े नलखेड़ा में प्रसिद्ध मां बगुलामुखी मंदिर परिक्षेत्र का विकास किया.

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CM शिवराज के कार्यों को जनता सदैव करेगी याद 

आगर के प्राचीन बैजनाथ महादेव मंदिर परिसर के कायाकल्प के लिए 18 करोड़ रुपये के विकास प्रोजेक्ट को पास किया गया. सोयत व बड़ौद में शासकीय महाविद्यालय खोले गए. साल 2023 के चुनाव के पहले अगस्त में आगर क्षेत्र में प्रस्तावित बापचा डेम को भी मंजूरी मिली. इस प्रकार जिला बनने के बाद जहां आगर को जिला मुख्यालय शहर का दर्जा हासिल हुआ. वहीं, राजनीतिक क्षेत्र में दलीय कार्यकर्ताओं के लिए नए अवसर मिले. देश प्रदेश में आगर को जिले की पहचान मिली. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान भले ही आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर नहीं है लेकिन बावजूद इसके चौहान का कार्यकाल आगरवासियों की तरफ से हमेशा याद रखा जाएगा.

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इलाके की जनता चौहान के किए गए विकास कार्यों की खुले मन से प्रशंसा करती है. राजस्थान की सीमा से यह लगा हुआ यह जिला आर्थिक पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था लेकिन जिला बनने के बाद दस सालों में निरंतर प्रगति ने इलाके में नए आयाम स्थापित किए है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के ठीक पहले चौहान ने आगर शहर के छावनी इलाके में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक की सौगात भी दे डाली. CM राइज स्कूल की बहुमंजिला ईमारत का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है जिसका भूमि पूजन शिवराज सिंह चौहान ने किया था.
 

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