Tigress Death: माधव टाइगर रिजर्व की लापता बाघिन की मौत में बड़ा खुलासा, जहर से हुआ था शिकार; आरोपी ने ये कहा

Tigress Death: शिवपुरी के माधव टाइगर रिजर्व की लापता बाघिन एमटी-1 के शिकार मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने अंतर्राज्यीय शिकारी गिरोह के सदस्य सौजीराम मोंगिया को शिवपुरी से गिरफ्तार किया है.

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Tigress Death: माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व शिवपुरी में एक मादा टाइगर के शिकार का सनसनी खेज खुलासा हुआ है. इस मामले में बाघिन की मौत का मुख्य आरोपी सोजी राम मोगिया खुद कैमरे पर इस बात को स्वीकार कर रहा है, जिसका एक्सक्लूसिव वीडियो एनडीटीवी के पास सुरक्षित है. इस मामले को लेकर शिवपुरी के विधायक देवेंद्र जैन ने विधानसभा में प्रश्न लगाकर सरकार से पूछा है कि टाइगर अगर सुरक्षित है तो कहां है? इसके संबंध में सरकार और वन प्रशासन दोनों अभी चुप्पी साधे हुए हैं.

STSF का एक्शन, वन विभाग अनजान

शिवपुरी के माधव टाइगर रिजर्व की लापता बाघिन एमटी-1 के शिकार मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने अंतर्राज्यीय शिकारी गिरोह के सदस्य सौजीराम मोंगिया को शिवपुरी से गिरफ्तार कर लिया है. 

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इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी दौजी भील ने पूछताछ के दौरान सौजीराम मोंगिया का नाम लिया. इसके बाद STSF को जांच में पता चला कि दोनों आपस में समधी हैं और दोनों ने ही मिलकर मादा टाइगर MT1 के शिकार को अंजाम दिया. दौजी की निशानदेही पर STF ने सौजीराम को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है.

फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम से वन प्रशासन इत्तेफाक नहीं रखता. वह अभी भी मानने को तैयार नहीं है कि टाइगर MT1 का शिकार कर दिया गया है. MT-1 कोई आम बाघिन नहीं थी. वह ट्रैक की जा रही थी, सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहना था उसे, हर हरकत पर नज़र रखी जा रही थी कम से कम जनता को यही बताया गया था. लेकिन अब वह है कहां? विभाग के पास कोई जवाब नहीं. कोई लोकेशन नहीं. और कोई अफसोस भी नहीं.

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वन विभाग का क्या कहना है?

इस पूरे मामले की शुरुआत हुई दाउजी भील की गिरफ्तारी से, पूछताछ में उसने बताया कि बाघिन को उसके समधी, सौजीराम मोंगिया ने मारा है. STF ने फौरन सौजीराम को शिवपुरी के पटेल चौक से धर दबोचा. कोर्ट ले जाया गया और वहीं, NDTV के कैमरे पर वह बोल पड़ा, “हां, मैंने ही मारा.” पर कहानी यहीं नहीं रुकती. सौजीराम के बेटे जय सिंह मोंगिया ने दावा किया कि उसके पिता को फंसाया गया है. "दाउजी ने जानबूझकर उन्हें घसीटा है," उसने कहा. साथ ही बताया कि सौजीराम खुद वारंट मिलने के बाद कोलारस वन विभाग के सामने पेश हुए थे.

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इस पूरे मामले में सबसे ज़्यादा चुप्पी है उस विभाग की जो जिम्मेदार था MT-1 की सुरक्षा के लिए. जब NDTV ने माधव टाइगर रिज़र्व के मुख्य वन संरक्षक उत्तम शर्मा से पूछा, तो उन्होंने कहा कि STF की कार्रवाई की उन्हें कोई जानकारी नहीं. शिकारी के बयान की कोई पुष्टि नहीं है उनके पास ऐसे कोई सबूत नहीं मिले है.

... और रेडियो कॉलर? इस पर शर्मा का कहना था “बैटरी खत्म हो गई थी,” कॉलर 10 मार्च 2023 को लगाया गया था, गर्मियों में बंद हो गया उसके बाद ट्रैकिंग संभव नहीं रही.

एक ही ऑपरेशन में 6 गिरफ्तार

जंगल में चल रहे इस शिकारी नेटवर्क की तस्वीर तब और साफ हुई जब STF ने एक ही ऑपरेशन में छह और लोगों दाउजी भील, राजा भील, सुनीता बाई, बनिराम भील, नरेश भील और राजू भील को गिरफ्तार किया. इनके पास से बरामद हुए 225 वन्यजीव अवशेष हड्डियां, अंग, और न जाने क्या-क्या. राजा भील की अग्रिम ज़मानत याचिका 26 जुलाई को खारिज कर दी गई, सभी आरोपी अब शिवपुरी सेंट्रल जेल में हैं.

विधानसभा में विधायक ने उठाया सवाल

शिवपुरी के विधायक देवेंद्र जैन ने पहले यह दावा कर चुके हैं कि शिवपुरी के नरवर तहसील अंतर्गत अटल सागर बांध के पास मादा टाइगर का शिकार किया गया है. इसके बाद उन्होंने अपनी ही सरकार और वन प्रशासन से पूछा है कि अगर टाइगर मारा नहीं गया और उसका शिकार नहीं हुआ तो वह कहां है? इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए, लेकिन इस मामले पर अभी सरकार और वन प्रशासन दोनों चुप हैं.

वहीं वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे का भी आरोप है कि 4 जून को जो कार्रवाई हुई, उसे वन विभाग ने छिपा कर रखा और जब उन्होंने NTCA को पत्र लिखा, तब जाकर 27 जून को जानकारी सार्वजनिक की गई. दुबे कहते हैं, "हमारे पास ठोस जानकारी है, एक शिकारी खुलेआम कबूल कर रहा है. एक विधायक सरकार से जवाब मांग रहा है. एक कार्यकर्ता विभाग पर पर्देदारी का आरोप लगा रहा है. और एक बाघिन जो कभी शिवपुरी के जंगलों की शान थी अब गायब है.

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