जबलपुर CMHO के दफ्तर में पड़ी लोकायुक्त की रेड, इस बात को लेकर मांगी गई थी रिश्वत; अब इनका क्या?

Lokayukta Raid : जबलपुर CMHO दफ्तर पर लोकायुक्त पुलिस ने रेड मारी है. इस दौरान टीम ने एक महिला कर्मचारी को 4 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

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जबलपुर के CMHO दफ्तर में महिला कर्मचारी को  4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.

Lokayukta Raid In Jabalpur CMHO office : जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में छापा मारते हुए, सूचना के अधिकार की जानकारी देने वाली सहायक ग्रेड-3 पदस्थ महिला कर्मचारी को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. महिला का नाम विनीता विलियम्स (49) है, जो ग्रीन सिटी निवासी राकेश विश्वकर्मा से रिश्वत की मांग कर रही थी.

मंगलवार की दोपहर लोकायुक्त की अचानक हुई कार्रवाई से कार्यालय में हड़कंप मच गया. लोकायुक्त पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ महिला को पकड़ने के बाद सर्किट हाउस-2 ले जाकर आगे की कार्रवाई की.राकेश, मानव अधिकार एवं जन सूचना अधिकारी संघ का प्रदेश अध्यक्ष है.

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RTI जानकारी के बदले रिश्वत की मांग

शिकायतकर्ता राकेश विश्वकर्मा ने 1 मई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जबलपुर की आरटीआई शाखा में आवेदन दिया था, जिसमें विभाग में पदस्थ कुछ लोगों की जानकारी मांगी गई थी, जैसे कि ये लोग जबलपुर में कब से पदस्थ हैं और कहां-कहां इनकी तैनाती रही है. इसके बाद 4 मई को विनीता ने राकेश को कॉल कर कहा कि जानकारी तो मिल जाएगी, लेकिन इसके लिए चार्ज लगेगा. जब राकेश ने आपत्ति जताई, तो विनीता ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से मना कर दिया.

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रिश्वत की डिमांड की जा रही थी

पहले विनीता ने 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की, लेकिन बाद में सौदा 4 हजार रुपए में तय हुआ. राकेश ने 5 मई को रिश्वत की मांग से संबंधित शिकायत जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में की, जिसकी जांच के बाद यह पाया गया कि विनीता द्वारा रिश्वत की डिमांड की जा रही थी.

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लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

मंगलवार की दोपहर को आरटीआई शाखा में पदस्थ विनीता विलियम को रिश्वत की रकम देने के लिए राकेश विश्वकर्मा कार्यालय पहुंचे. जैसे ही उन्होंने 4 हजार रुपए दिए, लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. लोकायुक्त डीएसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ विनीता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने के बदले रिश्वत मांगी जा रही थी, जिसके लिए राकेश ने शिकायत दर्ज करवाई थी. लोकायुक्त की डीएसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया कि आरटीआई की जानकारी के लिए यह रिश्वत मांगी गई थी जबकि आवेदक ने यह भी कहा था की आईटीआई में कोई पैसा नहीं लगता लेकिन उसे ₹5000 की रिश्वत मांगी गई थी इसी के बाद ट्रैप लगाकर गिरफ्तारी की गई.

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