Lok Sabha Elections 2024: इस बार के चुनाव में MP के इन 6 क्षेत्रों में हावी रहेंगे ये मुद्दे, समझें यहां का गणित

Madhya Pradesh Lok Sabha Elections: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर 29 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट लगभग पूरी तरह से जारी कर दी है. पूरे प्रदेश को छह बड़े क्षेत्रों में बांटकर समझा जा सकता है कि इस बार के चुनाव में यहां कौन-से मुद्दे हावी रहेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव आसान नहीं

MP Lok Sabha Elections 2024: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सभी छह क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दबदबा रहा और उसने प्रदेश की 29 संसदीय सीटों में से 28 पर जीत हासिल की. पार्टी इस बार भी अपना प्रदर्शन दोहराने की कोशिश करेगी. भाजपा इस बार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा पर भी कब्जा करने की कोशिश करेगी. 2019 के चुनाव में कांग्रेस (Congress) द्वारा मध्य प्रदेश में जीती गई ये एकमात्र सीट थी. इस बार राज्य के छह क्षेत्रों में विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख मुद्दे रहे हैं.

भाजपा की 29 सीटों के लिए जातिगत समीकरण

भाजपा ने प्रदेश की सभी 29 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जबकि, कांग्रेस ने अब तक 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. कुल 29 सीटों में से पांच अनुसूचित जनजाति के लिए और चार अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. 2019 के चुनाव में ये सभी सीटें भाजपा ने जीती थीं. राज्य में मुख्यत: छह क्षेत्र- ग्वालियर-चंबल, भोपाल, मालवा-निमाड़, महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड हैं. मालवा-निमाड़ क्षेत्र में सबसे ज्यादा आठ लोकसभा सीटें हैं.

Advertisement

इन जगहों पर ये हो सकते हैं विकास के मुद्दे

1. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र: कभी डकैतों से प्रभावित माना जाने वाला ग्वालियर क्षेत्र अब विकास की ओर बढ़ चुका है. भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र से पिछले साल उत्तर प्रदेश के आगरा से जोड़ने वाले एक एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी थी. देश में चीता को फिर से बसाने की सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के आगमन ने पूरे क्षेत्र में, विशेष रूप से पर्यटन में रोजगार के रास्ते भी खोल दिए हैं.

Advertisement

गुना इस क्षेत्र के प्रमुख लोकसभा क्षेत्रों में से एक है. यहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है जो मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. इस क्षेत्र के दुसरे लोकसभा क्षेत्र मुरैना, भिंड (एससी) और ग्वालियर हैं.

2. भोपाल क्षेत्र: इस क्षेत्र में प्रदेश की राजधानी भोपाल और नर्मदापुरम सहित इसके आसपास के क्षेत्र शामिल हैं. इस क्षेत्र में पांच लोकसभा सीट शामिल हैं, जिनमें, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, बैतूल (एसटी) और नर्मदापुरम हैं. भाजपा ने इस बार भोपाल से अपनी मौजूदा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काटकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है.
विदिशा में भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है, जो पहले भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. विकास और रोजगार उन प्रमुख मुद्दों में से हैं जो इस क्षेत्र में चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं.

3. मालवा-निमाड़ क्षेत्र: यह क्षेत्र कृषि गतिविधियों के हिसाब से महत्वपूर्ण है और इसमें तीन प्रमुख आदिवासी क्षेत्र खरगोन, रतलाम और धार शामिल हैं. राज्य की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर देश में साफ-सफाई के मामले में नंबर 1 शहर है. प्रमुख सर्राफा व्यापार केंद्र रतलाम और उज्जैन और ओंकारेश्वर के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग इस क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं.
इस क्षेत्र में आठ लोकसभा सीट हैं-इंदौर, देवास (एससी), उज्जैन (एससी), मंदसौर, खंडवा, खरगोन (एसटी), रतलाम (एसटी) और धार (एसटी). इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार में किसानों, आदिवासियों, रोजगार और मजदूरों के विस्थापन से संबंधित मुद्दे हावी रहने की संभावना है. भाजपा ने इंदौर से अपने मौजूदा सांसद शंकर लालवानी को मैदान में उतारा है.

4. बुंदेलखंड क्षेत्र: इस क्षेत्र में पन्ना की प्रसिद्ध हीरे की खदान, विश्व धरोहर स्थल खजुराहो और पन्ना टाइगर रिजर्व आती हैं. इस क्षेत्र में चार लोकसभा सीट शामिल हैं- सागर, दमोह, टीकमगढ़ (एससी) और खजुराहो. केन-बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना को मंजूरी देना एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका लक्ष्य क्षेत्र में पानी की कमी, विशेषकर सिंचाई सुविधाओं की समस्या का समाधान करना है. भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद वी. डी. शर्मा को खजुराहो से दूसरी बार टिकट दिया है और टीकमगढ़ से केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है.

5. महाकौशल क्षेत्र: यह क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माना जाता है, जिनके बेटे नकुलनाथ परिवार के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा से मौजूदा सांसद हैं. महाकौशल कुल आठ जिलों-जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट में फैला हुआ है. स्थानीय निवासी क्षेत्र के पिछड़ेपन पर शिकायत करते हुए कहते हैं कि जबलपुर विकास के मामले में एक समय रायपुर (छत्तीसगढ़) और नागपुर (महाराष्ट्र) से बहुत आगे था, लेकिन अब यह शहर इंदौर और भोपाल से भी पीछे है.

Advertisement

इस क्षेत्र में पांच लोकसभा सीट हैं-जबलपुर, मंडला (एसटी), शहडोल (एसटी), बालाघाट और छिंदवाड़ा. मंडला से भाजपा ने मौजूदा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से फिर से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके पिता कमलनाथ नौ बार कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें :- Mahadev Betting App Case: भूपेश बघेल समेत 16 लोगों के खिलाफ FIR, पूर्व CM बोले-"कहीं भी मेरा नाम..."

6. विंध्य क्षेत्र: उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा यह क्षेत्र मध्य प्रदेश के नौ पूर्वी जिलों-रीवा, शहडोल, सतना, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, मैहर और मऊगंज में फैला हुआ है. इसमें तीन लोकसभा सीट शामिल हैं-सतना, रीवा और सीधी. इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों में विकास और रोजगार शामिल है.

ये भी पढ़ें :- तेल कंपनियों की मनमानी! सरकार ने घटाए Petrol-Diesel के दाम...फिर भी MP के इन दो जिलों में नहीं कम हुए रेट