Lok Sabha Elections 2024: क्या शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) से बीजेपी आलाकमान दूरी बना रहा है? ये सवाल उठाया है मध्यप्रदेश कांग्रेस ने. दरअसल राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में दो हफ्ते से भी कम का वक्त बचा है. इस माहौल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के साथ-साथ कई केन्द्रीय मंत्री मध्यप्रदेश आ रहे हैं और धुआंधार प्रचार हो रहा है लेकिन स्टार कैंपेनर की लिस्ट में शामिल होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के दौरे सीमित हैं. अभी तक उनके विदिशा से बाहर केवल दो ही दौरे हुए हैं. ये हालत तब है कि जबकि अभी कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में अकेले शिवराज ने 37 दिनों में 165 सभाएं और रोड शो को संबोधित किया था. तब हालात इतने उलट थे कि वे दिन में 10-12 सभाएं और रोड शो कर लेते थे. मौजूदा लोकसभा चुनाव में वे होशंगाबाद और छिंदवाड़ा ही प्रचार करने के लिए गए हैं. बता दें कि खुद शिवराज सिंह चौहान विदिशा (Vidisha Parliamentary Seat) से चुनाव लड़ रहे हैं.
होशंगाबाद-छिंदवाड़ा में ही किया प्रचार
वैसे खुद शिवराज सिंह चौहान इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका कहना है कि जितना आवश्यक है उतना ध्यान वे देते हैं. वे कहते हैं कि मैं अपने ही लोकसभा क्षेत्र में पूरा समय नहीं दे पा रहा हूं. उन्होंने कहा कि चुनाव तो जनता ही लड़ेगी हम तो केवल दस्तूर पूरा करने जाएंगे. पूरा विदिशा लोकसभा क्षेत्र मेरे लिए परिवार की तरह है. सभी से प्रेम के रिश्तें है. शिवराज कहते हैं कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे पूरा करूंगा.
बता दें कि विदिशा में 64 साल के शिवराज के सामने 77 साल के भानु प्रताप शर्मा चुनावी मैदान में हैं. वे दो दफे विदिशा से सांसद रह चुके हैं, 33 साल पहले अपने पहले लोकसभा चुनाव में शिवराज ने भानु प्रताप शर्मा को शिकस्त दी थी. हालांकि शिवराज का कहना है मैं अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलूंगा. वे दो बार सांसद रहे हैं, मैं उनका आदर करता हूं.
शिवराज एक ही जगह सिमट गए हैं: कांग्रेस
शिवराज के चुनाव प्रचार में कम दिखने के मसले पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी चुटकी ली है. वे कहते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि संभवत: मोदी और अमित शाह उन्हें पसंद नहीं कर हैं और उनसे दूरी बना रहे हैं. इसी तरह वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा भी तंज कस रहे हैं. उनका कहना है कि शिवराज सिंह ने विधानसभा चुनावों में इतनी मेहनत की लेकिन उसका फल उन्हें नहीं मिला. इसलिए वे चुनाव से दूरी बना रहे हैं और एक ही जगह पर सिमट गए हैं. कांग्रेस के इन दावों में कितना दम है ये तो बीजेपी आलाकमान ही बता सकता है.
ये भी पढ़ें: MP News: पूर्व SDM निशा बांगरे को रास नहीं आयी राजनीति, नहीं मिला था चुनावी टिकट, अब नौकरी के लिए फिर दिया आवेदन