Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग(Election Commission) ने पूरे देश में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है...मध्यप्रदेश में चार चरणों में वोटिंग होगी और पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी यानी अब से ठीक एक महीने बाद...लेकिन कांग्रेस ने सूबे की सभी 29 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है. उसने अभी तक केवल 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बाकी 18 सीटों पर माथापच्ची जारी है. एक सीट कांग्रेस ने गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को दी है. जानकारों का कहना है कि पार्टी को ढूंढने से भी हैवीवेट उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं. हालत ये है कि प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress)के कई बड़े नामों ने साफ-साफ या फिर इशारों में सांसदी का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. जिसकी वजह से मजबूरी में पार्टी अब अपने कई मौजूदा विधायकों को लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारने का मन बना रही है. हालांकि पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma)ऐसी किसी बात से इनकार कर रहे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी ने प्रदेश की सभी 29 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं.
दरअसल प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं और कुछ के नाम पर सस्पेंस कायम है. जिसमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी (Kamal Nath, Digvijay Singh, Jitu Patwari) जैसे नेता शामिल हैं जो सार्वजनिक मंच से चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं. इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अलग ही तर्क दिया है. उनका कहना है कि मेरे लोकसभा चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि मेरा राज्य सभा का कार्यकाल अभी बचा हुआ है. पार्टी आलाकमान जिस भी प्रत्याशी को राजगढ़ से उतारेगी उसका मैं पूरी ताकत से समर्थन करूंगा.
कांग्रेस को भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसी सीटों पर मज़बूत प्रत्याशी तलाश है लेकिन बड़े नेताओं के इस रूख से पार्टी आलाकमान परेशान है . इसी बीच अब ये खबर आ रही है कि कांग्रेस ने कई सीटों पर दो से तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया है. जिसमें कई मौजूदा विधायकों के नाम शामिल हैं.
कांग्रेस के साथ दूसरी दिक्कत ये है कि बीजेपी के महिला आरक्षण बिल और 6 महिला उम्मीदवारों के सामने कांग्रेस को बराबरी से महिलाओं को उतारने में मशक्कत करनी पड़ रही है, कांग्रेस के सामने जिताऊ महिलाओं का चयन करना चुनौती बन रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं होने पर खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी चुटकी ली है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस लगातार वो रॉकेट लॉन्च कर रही, जो कभी गंतव्य तक पहुंचता ही नहीं है,पहले वो विचार कर लें कि किसको लॉन्च करना है. सीएम यादव ने कहा कि जब उनके लीडर ही चुनाव को गंभीरता से नहीं लेते, कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करते और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करते हैं तो उन्हें प्रत्याशी कैसे मिलेंगे. उन्हें भाजपा से सबक लेनी चाहिए कि कार्यकर्ताओं की कैसे इज्जत की जाती है और चुनाव को कैसे गंभीरता से लिया जाता है. हालांकि कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि ऐसा नहीं है कि बड़े नेता चुनाव नहीं लड़ना चाहते. पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा उसे सभी नेता मानेंगे. उनका कहना है कि इस बार युवा चेहरों पर पार्टी दांव लगाया जा रहा है. हम सभी मिलकर कांग्रेस को चुनाव में जीत दिलाएंगे.
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