Lok Sabha Election 2024: ग्वालियर के पूर्व शाही सिंधिया परिवार (Royal Scindia Family) के प्रभावशाली सदस्य अपने गृह क्षेत्र से विभिन्न चुनाव (Election) लड़ते समय अलग-अलग राजनीतिक दलों (Political Party) के उम्मीदवार (Election Candidate) के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं और अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Minister of Civil Aviation Jyotiraditya Scindia) ने भी मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट (Guna Lok Sabha Seat) से बीजेपी (BJP Lok Sabha Election Candidate 2024) उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर इस चलन को आगे बढ़ाया है. मध्य प्रदेश की राजनीति (Madhya Pradesh Politics) में परिवार की वर्तमान पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस उम्मीदवार (Congress Candidate) के रूप में गुना से अप्रत्याशित रूप से हारने के पांच साल बाद वापस मैदान में हैं, लेकिन इस बार ईवीएम (EVM) पर उनके नाम के आगे बीजेपी का चुनाव चिह्न ‘कमल' होगा.
ऐसी है गुना लोकसभा सीट
ज्योतिरादित्य बीजेपी संस्थापकों में शामिल विजया राजे सिंधिया (Vijaya Raje Scindia) के पोते और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत माधवराव सिंधिया (Son of Madhavrao Scindia) के बेटे हैं. गुना लोकसभा सीट सिंधिया के उस गृह क्षेत्र का हिस्सा है, जो गुना, शिवपुरी और अशोक नगर जिलों की आठ विधानसभा सीट में फैला है. पूर्व ग्वालियर राजघराने के लिए यह एक दुर्लभ चुनावी झटका था जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को 2019 में बीजेपी उम्मीदवार और उनके पुराने वफादार के पी यादव के हाथों लगभग 1.26 लाख वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
सिंधिया 2024 में फिर से चुनावी मैदान में हैं, लेकिन इस बार वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी उनकी मौसी एवं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री यशोधरा राजे का राजनीतिक घर है.
चुनावी मैदान में ऐसा रहा है सिंधिया परिवार का इतिहास
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता विजया राजे सिंधिया ने अपना पहला चुनाव 1957 में कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से लड़ा और जीत हासिल की थी. उन्होंने 1967 में स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और फिर 1989 में बीजेपी से चुनाव लड़ा.
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा, ‘‘दशकों तक अलग-अलग राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ने के बाद सिंधिया परिवार ने आखिरकार अपने अतीत और वैचारिक झुकाव के अनुसार पार्टी चुन ली है.'' किदवई ने कहा कि राजशाही युग में संघ, हिंदुत्व और दक्षिणपंथ हमेशा से ही सिंधिया की पसंद रहा है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनावी सफर ये रहा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2002 से 2014 के बीच चार बार गुना सीट का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें उपचुनाव में जीत भी शामिल है. वह अपनी हार के एक साल बाद मार्च 2020 में 22 कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए, जिससे मध्य प्रदेश में कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी.
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट में 18.80 लाख से अधिक मतदाता हैं और यहां सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा.
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