मध्य प्रदेश में भाजपा ने सभी 29 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है, लेकिन अगर नेताओं की ताकत का आकलन करें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर प्रदेश के ऐसे सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं जो अपने सबसे ज्यादा समर्थक संसद में पहुंचाने में कामयाब रहे. ग्वालियर-चम्बल संभाग की चार में से तीन सीटों पर तोमर समर्थक जीते हैं. एक सीट केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद जीती है. यही वजह है कि जीत का ज्यादा जश्न तोमर के बंगले पर ही मन रहा है.
टिकट वितरण के समय फिर कराया ताकत का अहसास
टिकट वितरण के समय से ही तोमर ने अपनी सियासी गोटिया बिठाईं थी. लगातार तीन बार सांसद और मोदी की दोनों सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर पार्टी ने तब चौंकाने वाला फैसला किया था, जब नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव के समय अचानक उन्हें मुरैना के दिमनी से एमएलए का चुनाव लड़ा दिया. जीत के बाद उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा का स्पीकर बना दिया गया. तब सियासी गलियारों में कयास लगे कि पार्टी ने अब उन्हें नेपथ्य में डाल दिया है, लेकिन चुपचाप सियासी गोटिया खेलने में माहिर तोमर ने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के समय चुपके से अपनी ताकत का अहसास करा दिया. वे भिंड, मुरैना ही नहीं, बल्कि ग्वालियर से अपने नजदीकी लोगों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे.
संध्या राय को भिंड-दतिया से मैदान में उतारा
नरेंद्र तोमर ने 2019 में अपनी समर्थक संध्या राय को भिंड-दतिया संसदीय क्षेत्र से टिकट दिलाया था. उनकी गिनती नॉन परफॉर्मेंससिंग सांसद के रूप में होती थी. यहां से भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य का नाम चल रहा था, लेकिन तोमर ने फिर एक बार संध्या राय को टिकट दिलवा दिया. तमाम असंतोष के बावजूद वे कांग्रेस के फूल सिंह बरैया को 64 हजार 840 मतों से हराकर फिर जीत गईं.
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मुरैना तोमर की खुद की सीट थी. यहां से उन्होंने अपने निकटतम शिव मंगल सिंह तोमर को टिकट दिलवाया. शिवमंगल काफी कमजोर माने जा रहे थे, लेकिन चुनाव से कुछ रोज पहले तोमर ने कांग्रेस के दिग्गज नेता राम निवास रावत को भाजपा में शामिल करवाकर सारे समीकरण बदल दिए. भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर कांग्रेस के सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को 52 हजार 530 वोट से हराकर जीत हासिल की.
तोमर समर्थक भारत सिंह कुशवाह को मिला टिकट
ग्वालियर सीट से 2013 में नरेंद्र सिंह तोमर खुद सांसद चुने गए थे, लेकिन 2019 में उनकी जगह संघ ने विवेक नारायण शेजवलकर को प्रत्याशी बना दिया और तोमर को मुरैना भेज दिया गया. इस बार भाजपा ने यहां से अपने सांसद का टिकट काट दिया तो तोमर ने उनकी जगह अपने समर्थक भारत सिंह कुशवाह को टिकट दिला दिया. कुशवाह कुछ महीनों पहले ही विधानसभा चुनाव हार चुके थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के प्रवीण पाठक को 70 हजार 210 मतों के अंतर से हराकर लोकसभा का चुनाव जीत लिया.
भाजपा में बढ़ा तोमर का दबदबा
चार में से तीन समर्थकों को सांसद बनवाने से नरेंद्र तोमर का दबदबा भाजपा में बढ़ गया है. जैसे जैसे परिणाम आ रहे थे ग्वालियर में उनके रेसकोर्स रोड स्थित बंगले पर भीड़ बढ़ती जा रही थी. जीत पक्की होने पर भारत सिंह कुशवाह भी सीधे उनके बंगले पर पहुंचे. उनके बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह रामु को साथ लिया और फिर अपने जीत का प्रमाण पत्र लेने मतगणना स्थल पहुंचे. प्रमाण पत्र लेते समय भी रामु को उन्होंने बगल में खड़े करके रखा.
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