Election Results: यहां NOTA और भाजपा के बीच है मुकाबला, बन सकते हैं ये दो बड़े रिकॉर्ड

2024 Lok Sabha Election: इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी के आखिरी दिन 29 अप्रैल 2024 को अपना पर्चा वापस ले लिया था. इसके साथ ही वह भाजपा में शामिल हो गए थे. नतीजन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई है. इसके बाद कांग्रेस ने मतदाताओं से अपील की थी कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर ‘नोटा' (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं.

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Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की मंगलवार को होने वाली मतगणना  (Counting) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इंदौर (Indore) में 10 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से 'अब तक की सबसे बड़ी जीत' का दावा कर रही है. उधर, कांग्रेस (Congress) का दावा है कि इंदौर (Indore) में ‘‘नोटा'' (Nota) कम से कम दो लाख वोट हासिल करके नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम करेगा.

दरअसल, इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी के आखिरी दिन 29 अप्रैल 2024 को अपना पर्चा वापस ले लिया था. इसके साथ ही वह भाजपा में शामिल हो गए थे. नतीजन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई है. इसके बाद कांग्रेस ने मतदाताओं से अपील की थी कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर ‘नोटा' (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं.

कांग्रेस ने की थी नोटा दबाने की अपील

जिला निर्वाचन कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर में 13 मई को हुए मतदान में कुल 25.27 लाख मतदाताओं में से 61.75 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था. वैसे तो इस सीट पर कुल 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, लेकिन राजनीति के स्थानीय समीकरणों के कारण मुख्य मुकाबला इंदौर के निवर्तमान सांसद और मौजूदा भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी और कांग्रेस समर्थित ‘‘नोटा'' के बीच ही है.

भाजपा को 10 लाख से भी ज्यादा वोटों से है जीत का भरोसा

भाजपा उम्मीदवार  लालवानी ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम इंदौर में 10 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करेंगे.

2019 में 5.48 लाख वोट से जीती थी भाजपा

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.48 लाख वोट से हराया था. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान इंदौर में 69.31 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था और 5,045 मतदाताओं ने ‘नोटा' का विकल्प चुना था.

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कांग्रेस ने नोटा को दो लाख वोट पड़ने की जताई संभावना

मौजूदा लोकसभा चुनाव की मतगणना की पूर्व संध्या पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने दावा किया कि इंदौर में इस बार नोटा को कम से कम दो लाख वोट मिलेंगे. नोटा का यह राष्ट्रीय कीर्तिमान देश के राजनीतिक इतिहास में दर्ज होगा और भाजपा जैसे उन सभी सियासी दलों के लिए सबक होगा जो लोकतंत्र का गला घोंटते हैं.

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उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद 'नोटा' के बटन को सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया गया था. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 'नोटा' को बिहार की गोपालगंज सीट पर सर्वाधिक वोट मिले थे. तब इस क्षेत्र के 51,660 मतदाताओं ने 'नोटा' का विकल्प चुना था और 'नोटा' को कुल मतों में से करीब पांच प्रतिशत वोट मिले थे. 

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