Lok Sabha Election Results: पिता बेटे को और बेटा पिता को नहीं दिलवा पाया बढ़त, ये है कमलनाथ-कांतिलाल की कहानी

2024 Election Results: 1980 से पूर्व सीएम कमल नाथ का गढ़ माने जाने वाले आदिवासी बहुल इस सीट पर कमल नाथ के मौजूदा कांग्रेस सांसद बेटे नकुल नाथ जिला बीजेपी अध्यक्ष विवेक बंटी साहू से 1,13,638 मतों से पूरी तरह एकतरफा मुकाबले में हार गए. वहीं रतलाम झाबुआ से पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया असफल रहे हैं. ये वो सीट है जिसने उनको 5 दफे संसद भेजा.

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Madhya Pradesh Election Results: मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव (Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रदेश की सभी 29 सीटों को अपने पाले में कर लिया है. 29 सीटों के क्लीन स्वीप पर 2 सीटों की चर्चा इन दिनों खूब है. इन दो सीटों पर मिली हार कांग्रेस को बहुत कचोटेगी, क्योंकि इन दोनों सीटों पर बाप-बेटे अपनी विधानसभा सीटों पर भी मात खा गए. जहां रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट में बेटे ने अपने पिता के लिए पूरी ताकत लगा दी वहीं छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में पिता ने बेटे की विरासत बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. लेकिन यहां वे अपने ही विधानसभा क्षेत्र में अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाएं. आइए जानते हैं पूरी कहानी...

पहले बात छिंदवाड़ा की

1980 से पूर्व सीएम कमल नाथ का गढ़ माने जाने वाले आदिवासी बहुल इस सीट पर कमल नाथ के मौजूदा कांग्रेस सांसद बेटे नकुल नाथ जिला बीजेपी अध्यक्ष विवेक बंटी साहू से 1,13,638 मतों से पूरी तरह एकतरफा मुकाबले में हार गए. छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा हैं. छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सौंसर, चौरई, परासिया, अमरवाड़ा और जुन्नारदेव. अमरवाड़ा के मौजूदा कांग्रेस विधायक (Congress MLA) कमलेश शाह चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गये थे. जबकि छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) में बंटी साहू कमलनाथ से 48 में से 45 वार्डों में हार गए थे.

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अब लोकसभा चुनाव में खुद छिंदवाड़ा विधानसभा में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को 95 हजार 890 वोट मिले जबकि बंटी साहू को 1,08,978 वोट यानी खुद अपनी सीट पर भी कमलनाथ बेटे को जीत नहीं दिलवा पाए. कमल नाथ की सीट पर नकुलनाथ 13 हजार वोटों से पीछे रहे. 

छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में ही मतदान हुआ था. तब छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 79.18% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.

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छिंदवाड़ा में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार ने सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की. 1980 से छिंदवाड़ा सीट कमल नाथ का गढ़ रही है, जहां से उन्होंने नौ बार जीत दर्ज की, जबकि उनकी पत्नी अलका नाथ ने 1996 में जीत दर्ज की थी, बेटे नकुल ने 2019 में जीत दर्ज की सिर्फ एक बार (1997) बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, तब पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने उपचुनाव जीता था.

अब बात रतलाम-झाबुआ सीट की

रतलाम झाबुआ से पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया असफल रहे हैं. ये वो सीट है जिसने उनको 5 दफे संसद भेजा. इस बार के चुनाव में भूरिया को पहली बार सांसद का चुनाव लड़ रही अलीराजपुर जिला पंचायत प्रमुख अनीता नागर सिंह चौहान ने 2.07 लाख वोटों से हराया.

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कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया झाबुआ से ही विधायक हैं, लेकिन यहां खुद कांतिलाल 9000 वोटों से पीछे रहे.

रतलाम-झाबुआ में 8 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें झाबुआ जिले की 3 - झाबुआ, पेटलावद, और थांदला. आलीराजपुर जिले की 2 - आलीराजपुर और जोबट. रतलाम जिले की 3 सीटें - रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण और सैलाना हैं.

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