Lok Sabha Election Congress Candidate List: एक तरफ जहां पिछले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में 28 सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) मध्यप्रदेश में अपने सभी प्रत्याशियों के नामों (BJP Candidate List) का ऐलान काफी पहले कर चुकी है, वहीं महज एक सीट (छिंदवाड़ा लोकसभा) जीत पाने वाली कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को आपसी कलह के चलते पसीने छूट रहे हैं. खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha Seat) के अलावा ग्वालियर (Gwalior Lok Sabha seat) और मुरैना लोकसभा सीट (Morena Lok Sabha seat) अभी भी फंसी हुई है. यहां दावेदारों की संख्या अधिक होने से पार्टी को नाम घोषित करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 28 मार्च गुरुवार को सुबह से ही दिल्ली और भोपाल में मध्य प्रदेश की शेष बची हुई तीनों सीट के लिए मंथन शुरू हो गया है और दावा किया जा रहा है कि आज देर रात तीनों नामों की आखिरी सूची (Congress Candidate List) भी आ जायेगी.
ग्वालियर-मुरैना में इतनी दिक्कत क्यों हो रही है?
बीजेपी इस बार सभी 29 सीट जीतने यानी मिशन 29 (Mission 29) के नारे के साथ मध्य प्रदेश में उतरी है. ग्वालियर में बीजेपी लगातार चार बार से चुनाव जीत रही है और मुरैना में लगभग तीस साल से विजय श्री हासिल कर रही है बावजूद इसके बीजेपी ने दोनों स्थानों पर अपने प्रत्याशी आसानी से घोषित कर दिए हैं.
कांग्रेस के ज्यादातर नेता इन दोनों सीटों पर इस बार पार्टी की स्थिति को मजबूत मान रहे है. इसकी वजह है विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2023) के नतीजे, पूरे प्रदेश में कांग्रेस महज 66 सीट पर सिमटकर रह गयी थी, बावजूद इसके ग्वालियर-चम्बल (Gwalior Chambal) में कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षाकृत ठीक रहा था. इस क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी 34 में से 16 सीट जीतने में कामयाब रही थी.
ग्वालियर सीट पर क्या है दिक्कत?
ग्वालियर सीट पर कांग्रेस बीते छह बार से पिछड़ा वर्ग पर दांव लगाती आ रही है. हालांकि जीत सिर्फ एक बार मिली लेकिन टक्कर हमेशा कांटे की रही. लेकिन इस बार बीजेपी हाईकमान ने सबको चौंकाते हुए यहां से पिछड़े काछी समाज के भारत सिंह कुशवाह को मैदान में उतारकर कांग्रेस के गणित को गड़बड़ा दिया. कुशवाह ग्वालियर ग्रामीण सीट से दो बार एमएलए (MLA) और शिवराज सरकार में मंत्री रहे हैं, लेकिन 2023 में वे कांग्रेस प्रत्याशी से हार गए थे. इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें लोकसभा के मैदान में उतार दिया. अब कांग्रेस में असमंजस के चलते घमासान शुरू हो गया.
मुरैना सीट पर कहां फंसा है पेंच?
मुरैना संसदीय सीट से 2019 में बीजेपी के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) लड़े और जीते थे. वे मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) का हिस्सा भी रहे, लेकिन पिछले साल अचानक उन्हें विधानसभा के मैदान में उतार दिया गया. वे जीत गए और फिर मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर बना दिये गए. इस बार बीजेपी ने उन्हीं के समर्थक शिवमंगल सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है.
BSP की दोनों सीट पर निगाह
मुरैना और गवालियर सीट पर बीएसपी भी नजर गढ़ाए बैठी है. हालांकि यहां बीएसपी जीतने की स्थिति में नहीं है, लेकिन यह पार्टी किसी का भी गणित बिगाड़ने लायक वोट अपने पास रखती है. उसके नेता जातीय गणित पर निगाह रखे हुए हैं. मुरैना में यदि दोनों पार्टियों ने ठाकुर ब्राह्मण पर दांव लगाया तो बहुजन समाज पार्टी किसी ओबीसी (OBC Candidate) को उतारकर मुकाबले को रोचक बना सकती है.
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