मध्य का मन: रतलाम की उपेक्षा से व्यापारियों में दिखी नाराजगी, महिलाओं ने उठाया सुरक्षा-शौचालय का मुद्दा

Ratlam Lok Sabha Seat: रतलाम के व्यापारियों ने रतलाम की अवहेलना का आरोप लगाते हुए सांसदों पर नाराजगी जाहिर की. इसके अलावा महिलाओं ने सुरक्षा और शौचालय का मुद्दा उठाया.

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Lok Sabha Election 2024 Phase 4: लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav) के तीसरे चरण की वोटिंग (Third Phase Voting) हो चुकी है. चौथे चरण में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 8 सीटों पर मतदान होना है. जिसमें रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट (Ratlam-Jhabua Lok Sabha Seat) भी शामिल है. एनडीटीवी की विशेष पेशकश 'मध्य का मन' (Madhya Ka Mann) में आज हम रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट के लोगों की राय बताएंगे. स्वर्ण नगरी कहे जाने वाले रतलाम (Ratlam) के सर्राफा व्यापारियों से NDTV की टीम ने चुनाव को लेकर चर्चा की, जिसमें व्यापारियों ने खुलकर अपनी बात रखी.

व्यापारियों ने जताई नाराजगी

व्यापारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह रतलाम शहर का दुर्भाग्य है कि यहां भले ही किसी भी दल का सांसद रहा हो, रतलाम शहर के प्रति उनकी उदासीनता सदैव रहती है. यहां पर जो समस्याएं हैं उसका निराकरण नहीं हो पाता. इसके अलावा बाजार में पार्किंग की व्यवस्था को लेकर भी व्यापारियों ने नाराजगी जताई. रतलाम में युवाओं के लिए रोजगार की भी समस्या है. व्यापारियों ने कहा कि सांसद द्वारा ऐसे कदम उठाया जाना चाहिए जिससे यहां रोजगार के अवसर पैदा हों.

रोजगार का उठा मुद्दा

व्यापारियों ने कहा कि हमें ऐसा सांसद चाहिए जो रतलाम का विकास करें, रतलाम में नई योजनाएं लाए और रतलाम में उद्योग के क्षेत्र में जो पिछड़ा हुआ है, उसे बढ़ावा दें. उद्योगों को बढ़ावा दें ताकि रोजगार और व्यापार बढ़ सके. खास बात यह है कि रतलाम शहर में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए सराफा संगठन रतलाम ने एक स्कीम निकाली है. इस स्कीम के मुताबिक, जो वोटर अपनी उंगली पर स्याही यानी वोट करने का चिन्ह दिखाएगा, उसे 350 रुपए प्रति 10 ग्राम सोने पर और ₹600 प्रति किलो चांदी पर छूट दी जाएगी.

महिला सुरक्षा व्यवस्था अब भी खराब

वहीं महिलाओं से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए. सड़क पर अगर महिलाएं निकलती हैं तो मनचले उन्हें छेड़ते हैं, बदतमीजी करते हैं. महिलाओं के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा महंगाई का मुद्दा उठाते हुए महिलाओं ने कहा कि किचन का सामान महंगा होता जा रहा है, बच्चों की शिक्षा भी महंगी होती जा रही है और आने वाले सांसद को इस ओर भी ध्यान देना जरूरी है. हमें ऐसा कैंडिडेट चाहिए जो सबके लिए महंगाई को कम करें.

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महिलाओं ने बताया कि रतलाम में बहुत सारे काम रह गए हैं. यहां सड़क और पानी की समस्या हमेशा रही है और ऐसा लग रहा है कि आगे भी रहेगी. इसकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. पूर्व के सांसद जरूर कहते हैं कि काम किया लेकिन, दिखाई कम देता है. यूपी से रतलाम आई एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि हमें यहां पर कुछ काम अच्छा नहीं लगा. इससे बेहतर तो हमारे गांव हैं जो योगी जी ने बनवाए है.

रतलाम को भी मिले प्राथमिकता

रतलाम आदिवासी सीट है और यहां का प्रतिनिधित्व हमेशा आदिवासी सांसद ने किया है. व्यापारियों के अनुसार, यहां के सांसद रतलाम में सक्रिय नहीं रहे हैं. वे अपने क्षेत्र को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं और वहीं पर विकास करते हैं. जबकि रतलाम का भी विकास होना चाहिए. व्यापारियों ने कहा कि जनरल जो परेशानियां रहती हैं वह तो बनी हुई हैं, लेकिन अगर सांसद सक्रियता के साथ रतलाम में रहेंगे तो रतलाम के विकास की ओर ध्यान दे पाएंगे.

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अन्य व्यापारियों ने बताया कि पिछले समय से सांसदों ने सहयोग नहीं किया, लेकिन अब जो आए वह हमारा सहयोग करें. व्यापारी बहुत परेशान है और आचार संहिता के चलते भी व्यापारी बहुत परेशान हैं. बाहर से लोग खरीदारी करने आ रहे हैं. हमें ऐसा नेता चाहिए जो रतलाम के लिए काम करें. अच्छा आदमी और अच्छा व्यक्ति आए जो काम करें. यह राजनीतिक व्यवस्था है जहां से व्यक्ति जीत के जाता है वहीं का डेवलपमेंट करता है यह पूरे देश में ही व्यवस्था है.

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